सरकारी ऑडिटर सीधे दे सकेंगे सीए की परीक्षा | जो मैथ्यू / नई दिल्ली December 22, 2009 | | | | |
देश की अकाउंटिंग मानक बनाने वाली संस्था, इंस्टीटयूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटैंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) ने अपने कुछ नियमों में बदलाव किए हैं।
इन बदलावों के मद्देनजर इंडियन ऑडिट ऐंड अकाउंटेंट्स सर्विस (आईएऐंडएएस) के दोनों न और सेवारत अधिकारी चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के लिए योग्यता हासिल कर सकते हैं।
यह देश के शीर्ष सरकारी ऑडिटर, भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) और आईसीएआई की अकाउंटिंग और ऑडिटिंग के कार्यों के बीच सामंजस्य स्थापित करने की तरफ प्रयासों का पहला दौर है।
सीएजी में आईएऐंडएएस के लोगों काम करते हैं और सीएजी आईएऐंडएएस की कैडर-नियंत्रण का काम देखता है। यह बदलाव उस वक्त देखने को मिला है, जब भारत 100 देशों में अकाउंटिंग मानकों को ध्यान में रखते हुए अपने अकाउंटिंग मानकों में बदलाव की तैयारी कर रहा है। देश 2011 तक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग मानकों को अपनाएगा।
आईसीएआई परिषद ने 17 दिसंबर को आईएऐंडएएस अधिकारियों को सीए की अंतिम परीक्षाओं में बैठने की अनुमति देने का फैसला लिया है। साथ ही परिषद ने यह भी उन्हें अंतरिम चरण की योग्यता से भी बाहर कर दिया है। ऐसे आवेदक जो सीए योग्यताओं को हासिल करना चाहते हैं, उन्हें सीए के अंतिम पाठयक्रम के साथ आईसीएआई के कॉमन प्रोफिशिएंसी टेस्ट और इंटीग्रेटेड प्रोफेशनल कम्पीटेंस कोर्स के लिए परीक्षाएं देनी होंगी।
चार्टर्ड अकाउंटैंट्स नियम, 1988 के तहत तीन साल के लिए प्रशिक्षण अनुभव के तौर पर आईएऐंडएएस अधिकारियों के कार्यानुभव को नियम के अनुकूल माना जाएगा और उन्हें इस अवधि के लिए कोई अलग से प्रशिक्षण का अनुभव लेने की जरूरत नहीं रहेगी।
आईसीएआई के अध्यक्ष उत्तम प्रकाश अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को जानकारी दी, 'इस फैसले से आईसीएआई को सीएजी के साथ करीब से काम करने का मौका मिलेगा और वह और भी बेहतर और व्यपाक तरीके से देश के वित्तीय मामलों पर निगरानी रख सकेगा।'
आईएऐंडएएस कैडरों को सीएजी देश के सभी सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्र के ऑडिट काम के लिए चुनती है। अग्रवाल का कहना है,'आईएऐंडएएस अधिकारी, जिन्हें विदेशों से सहायता प्राप्त संस्थानों के ऑडिट के लिए विदेशों में काम सौंपा जाता है, अब वे अपने विभागीय अनुभव और इस पाठयक्रम के जरिये हासिल हुई जानकारी का इस्तेमाल साथ में कर सकेंगे।'
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