स्पेंसर्स : अब रहेगा फैशन पर जोर | प्रदीप्ता मुखर्जी / कोलकाता December 21, 2009 | | | | |
आरपीजी एंटरप्राइजेज की 1,000 करोड़ रुपये की रिटेल इकाई स्पेंसर्स रिटेल ने गड़बड़ाते मुनाफे को संभालने के लिए फैशन और अपैरल रिटेलिंग कारोबार पर ध्यान देने का फैसला किया है।
कंपनी को जहां मुनाफे में कमी दिखाई दे रही है, वहीं कंपनी का प्रति वर्ग फुट राजस्व बढ़ रहा है। शुरुआत के लिए स्पेंसर्स ने अपने फैशन और अपैरल कारोबार का ध्यान रखने के लिए एक अलग विभाग बनाया है।
अपना नाम न छापाने की शर्त पर कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'इस विभाग की अध्यक्षता एक अलग मुख्य कार्याधिकारी करेंगे, जिनकी नियुक्ति कंपनी पहले ही कर चुकी है।' स्पेंसर्स शुरू से खाद्य पदार्थों के रिटेल कारोबार से जुड़ी रही है, जिससे रिटेल कंपनी को 6 से 8 फीसदी का मार्जिन मिलता है।
अधिकारी का कहना है, 'फैशन और अपैरल श्रेणी से हमें 20 से 35 फीसदी तक मार्जिन मिलता है, जो हमारे खाद्य पदार्थों के कारोबार से दोगुने से भी अधिक है।' रिटल कंपनी का फैशन और अपैरल में निजी लेबलों से मार्जिन 35 फीसदी तक बढ़ सकता है, जबकि दूसरी कंपनियों के फैशन लेबलों की बिक्री पर कंपनी को लगभग 20 फीसदी का मार्जिन मिलता है।
अपैरल के एक हिस्से के रूप में स्पेंसर्स कम से कम नहीं तो 20 एकल बहु-ब्रांड स्टोर सिर्फ फैशन उत्पादों की बिक्री के लिए ही खोल रही है। इनमें से हर स्टोर लगभग 5,000 वर्ग फुट के क्षेत्र में होगा। स्पेंसर्स का छोटे से छोटा स्टोर 1,000 वर्ग फुट में है ,जबकि सबसे बड़ा स्टोर 75,000 वर्ग फुट में है।
अपैरल रिटेल कारोबार में उत्पादों को दिखाने के साथ-साथ ट्रायल रूम की भी जरूरत होती है, इसलिए कंपनी को बड़े स्टोर खोलने की जरूरत है। संपर्क करने पर स्पेंसर्स रिटेल के प्रवक्ता ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। स्पेंसर्स का इरादा भारत में अपने अंतरराष्ट्रीय अपैरल कारोबार को बढ़ाने का भी है। इसके लिए कंपनी देश में अमेरिका के मार्क एको अपैरल ब्रांड पेश करेगी।
कंपनी ने पहले ही विदेशी कंपनी के साथ इस उम्मीद से विशेष लाइसेंसिंग करार भी कर लिया है कि वह कम से कम 10 मार्क एको स्टोर खोलेगी। दिलचस्प बात यह है कि स्पेंसर्स के वैश्विक ब्रांडों के साथ चार में से तीन साझेदारी करार फैशन और अपैरल श्रेणी में से है।
एक दूसरे अधिकारी का कहना है, 'फिलहाल अभी नाममात्र के करीब का हिस्सा हमें अंतरराष्ट्रीय ब्रांड गठजोड़ों से हासिल होता है। सभी श्रेणियों में अंतरराष्ट्रीय ब्रांडों से कुल राजस्व में योगदान अभी 5 फीसदी तक है, जिसके अगले दो साल में बढ़कर दोगुना होने की उम्मीद है।'
स्पेंसर्स ने अपने स्टोर के जरियेर् कई डिजाइनरों के ब्रांड भी पेश किए हैं। इनमें सामंत चौहान (पुरुषों के लिए पश्चिमी परिधान और महिलाओं के लिए एथेनिक परिधान), स्टुडियो स्मृति (महिलाओं के लिए एथेनिक) और राघवेंद्र राठौड़ के 'क्लब जोधपुर' (महिलाओं के लिए एथेनिक) की डिजाइनर शृंखला शामिल है। इनकी कीमत 1600 रुपये से 5000 रुपये है।
मुनाफा बढ़ाने की कवायद शुरू
दूसरे ब्रांड लेबलों के परिधानों पर कंपनी को 6 से 8 फीसदी मार्जिन मिलता है, जबकि निजी लेबल पर यही मार्जिन 20 से 35 फीसदी तक है
अपैरल श्रेणी में ही कंपनी कम से कम 20 बहु-ब्रांड स्टोर खोल रही है
फैशन एवं अपैरल श्रेणी में कंपनी कर रही है अंतरराष्ट्रीय लेबलों के साथ करार
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