लौटकर सुज़लॉन घर को आई | पीबी जयकुमार / मुंबई November 23, 2009 | | | | |
पवन चक्की बनाने वाली दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी सुजलॉन एनर्जी ने अपने वैश्विक परिचालन के लिए दो साल पहले नीदरलैंड के शहर एम्सटर्डम में एक समूह प्रबंधन केंद्र की स्थापना की थी।
इस केंद्र के जरिये कंपनी 21 देशों में फैले अपने कारोबार का परिचालन करने की योजना बनाए हुए थी। बहरहाल, अब कंपनी अपनी इस रणनीति में रद्दोबदल करती नजर आ रही है और पुणे को ही अपना प्रमुख केंद्र बनाने पर जोर देती दिख रही है।
सूत्रों का कहना है कि सुजलॉन जल्द ही पुणे में विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला एक कैंपस शुरू करने जा रही है। ' सुजलॉन वन अर्थ' नाम के इस केंद्र में करीब 2,500 कर्मचारी काम कर सकेंगे। यह केंद्र कंपनी के वैश्विक मुख्यालय का काम करेगा ओर यहीं से वैश्विक परिचालन को अंजाम दिया जाएगा।
पिछले एक साल में कंपनी के करीब 25 आला अधिकारियों को एम्सटर्डम से वापसी का टिकट थमाते हुए पुणे बुलाया गया है। दरअसल, कुछ विदेशी पेशेवरों द्वारा कंपनी छोड़कर जाने की वजह से भी कंपनी को यह रणनीति अपनानी पड़ी। नौकरी छोड़कर जाने वाले लोगों की जिम्मेदारी भारत में काम कर रहे पेशेवरों को ही दी गई।
हालांकि एम्सटर्डम में अब भी काम चलता रहेगा। इस पर एक अधिकारी का कहना है, 'एम्सटर्डम में समूह प्रबंधन केंद्र अब भी काम कर रहा है और यह हमारे वैश्विक परिचालन के लिहाज से बेहद अहम है।'
सूत्रों के मुताबिक इस केंद्र में अभी तक मानव संसाधन प्रबंधन और शोध एवं विकास जैसे विभाग ही हैं और कंपनी की यूरोपीय विपणन रणनीति डेनमार्क के शहर आरहस से ही तय होती है। इस मामले में सुजलॉन का जवाब जानने के लिए कंपनी से संपर्क किया गया तो उसने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
क्यों उठाया ऐसा कदम?
एम्सटर्डम के बजाय पुणे से ही वैश्विक परिचालन करेगी कंपनी, पुणे में बनेगा विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला केंद्र
बेहतर परिचालन और लागत में कटौती की वजह से उठाया कदम, विदेशी अधिकारियों ने छोड़ा कंपनी का दामन
बड़े अधिकारियों की नियुक्ति पुणे में ही
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