उत्तर प्रदेश की सरकार ने इस साल मलिहाबाद के दशहरी आमों को विदेशी बाजारों तक पहुंचाने के लिए इस बार मलेशिया और सिंगापुर का रुख किया है।
उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद ने मलिहाबादी दशहरी को विदेश तक पहुंचाने के लिए इस साल मलेशिया और सिंगापुर में 'मैंगो फेस्टिवल' आयोजित करने का फैसला किया है।मंडी परिषद इन दोनों देशों के कई शहरों में 'मैंगो फेस्टिवल' आयोजित करने का इरादा बनाया है।
मंडी परिषद के निदेशक मंडल ने इस फैसले को हरी झंडी दे दी है और इसके लिए 75 लाख रुपए की भी व्यवस्था की है। परिषद अधिकारी इस बार दशहरी आम के लिए अमेरिका से निर्यात ऑर्डर मिलने से खासे उत्साहित हैं। मंडी परिषद के उप निदेशक एम के एस सचान के अनुसार यूरोप और अमेरिका के बाजारों में अच्छी संभावना है पर इसके लिए कड़े क्वालिटी मानकों से गुजरना होगा।
सचान ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि मंडी परिषद निर्यातकों को हर संभव मदद कर उत्तर प्रदेश की दशहरी को विदेशों में लोकप्रिय बनाना चाहता है।गौरतलब है कि मंडी परिषद ने 7 साल पहले मलिहाबाद के दशहरी को नवाब ब्रांड नाम देकर इसका निर्यात विदेशों में शुरु किया था।
हालांकि मंडी परिषद ने प्देश के दशहरी आम को निर्यात करने की कवायद 2004 में औपचारिक रुप से की पर 2007 में पहली बार विदेशी सरजमीं पर दशहरी की हलचल सुनाई पड़ी जब अकेले उत्तर प्रदेश से 44.98 टन आम जापान, मलेशिया और खाड़ी देशों में भेजा गया।
पिछले साल के निर्यात के आंकड़ों से उत्साहित होकर मंडी परिषद नें इस बार बड़े पैमाने पर दशहरी आम विदेश भेजने की योजना बनायी है। मंडी परिषद के चेयरमैन और प्रदेश सरकार के समाज कल्याण मंत्री इंद्रजीत सरोज के अनुसार नवाब आम को विदेशों में लोकप्रिय बनाने के लिए मलेशिया और सिंगापुर में मैंगो फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा।
इस पर होने वाले खर्च का 75 फीसदी मंडी परिषद और 25 फीसदी आम के निर्यातक उठायेंगे। मंडी परिषद प्रदेश के निर्यातकों को पैक हाउस में अंतरराष्ट्रीय स्तर की पैकिंग की सुविधा दे रहा है साथ ही विशेषज्ञों की सलाह भी दिलवा रहा है। मंडी परिषद के अधिकारियों के मुताबिक कड़े मानकों के चलते दशहरी आम यूरोप और अमेरिका तक भेज पाना आसान नही है। प्रदेश के निर्यातकों ने वर्ष 2006 में यूरोप में नवाब को भेजा था पर सही गुणवत्ता के अभाव में इसे वहां स्वीकार नही किया गया था।
परिषद के अधिकारी अब मलिहाबादी दशहरी को मलेशिया, सिंगापुर, अमेरिका खाड़ी देशों और जापान में खपा कर निर्यात का आंकड़ा बढ़ाना चाहते हैं। सचान के अनुसार अभी निर्यात का कोई लक्ष्य तय नही है पर आशा है कि पिछले साल से ज्यादा आम इस बार बाहर भेजा जाएगा। गौरतलब है कि बीते साल उत्तर प्रदेश में आम की पैदावार 61.47 टन की थी और इस साल भी फसल इसी आंकड़े के आस-पास रहने का अनुमान परिषद अधिकारी लगा रहे हैं।