कुंभ मेले की तैयारी उत्तराखंड पर है भारी! | शिशिर प्रशांत / देहरादून November 08, 2009 | | | | |
भले ही केंद्र सरकार अगले साल के शुरू में हरिद्वार में आयोजित होने वाले महा कुंभ मेले के लिए 565 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम मुहैया करा रही है, लेकिन इसके सही खर्च को लेकर उत्तराखंड सरकार का पसीना छूट रहा है।
राज्य सरकार को यह भारी-भरकम रकम अगले दो-तीन महीने के अंदर खर्च करनी है। हालांकि पिछले साल इस मेले के लिए केंद्र द्वारा जारी की गई रकम 165 करोड़ रुपये थी, लेकिन इस बार सरकार ने 400 करोड़ रुपये और देने का वादा कर थोड़ी उदारता दिखाई है। इस मेले को धरती का सबसे बड़ा मेला माना जाता है।
2010 की पहली तिमाही में आयोजित होने वाले इस मेले में 2-4 करोड़ लोगों के भाग लेने की संभावना है। अब इस रकम को ईमानदारी से खर्च करने की जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार पर आ गई है। इसे लेकर चिंतित मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आज वित्तीय विश्लेषकों को यह कह कर आश्चर्यचकित कर दिया कि इस धार्मिक आयोजन के लिए 324 करोड़ रुपये का अस्थायी कार्य किया जा रहा है।
इसे हरिद्वार में खर्च की प्रक्रिया में सरकार की तेजी के रूप में देखा जा रहा है। 'हरिद्वार महोत्सव' के उद्धाटन के लिए हरिद्वार यात्रा के दौरान निशंक ने हालांकि 'ऐतिहासिक कदम' के रूप में कुंभ मेला पर किए जा रहे खर्च का ब्यौरा दिया।
निशंक ने कहा कि महा कुंभ मेला के लिए सरकार 440 करोड़ रुपये की लागत वाले स्थायी और अस्थायी कार्यों को अंजाम दे रही है। इनमें से 75 फीसदी रकम (लगभग 324 करोड़ रुपये) अस्थायी कार्यों पर खर्च की जाएगी।
अपनी हरिद्वार यात्रा के दौरान निशंक ने कुंभ मेले के लिए 27 करोड़ रुपये के 25 निर्माण कार्यों का लोकार्पण भी किया। एक सरकारी अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि कुंभ मेला के लिए योजनाएं ठीक से नहीं बनाई गई हैं। अधिकारी ने कहा, 'सरकार एक्सप्रेसवे या मेगा पार्किंग सुविधा जैसी किसी बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजना के लिए मुश्किल से आगे आई है।
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