टेलीविजन से जुड़ी 370 करोड़ रुपये की एनडीटीवी ने वित्तीय वर्ष 2008 के दौरान अपने परिचालन घाटे में करीब 140 करोड़ रुपये दर्ज किए थे।
लेकिन इसके बावजूद कंपनी की आय ममें करीब 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।उल्लेखनीय है कि एनडीटीवी ने हाल ही में एनडीटीवी इमेजिन नाम का एक चैनल और साथ ही लाइफस्टाइल से जुड़े एक चैनल को लॉन्च किया था। दोनों ही चैनलों से प्रसारणकर्ता को फायदा हो रहा है।
यही वजह है कि मार्च 2008 तिमाही में प्रसारणकर्ता के राजस्व में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। हालांकि नए चैनलों को शुरू करने के दौरान प्रसारणकर्ता को 114 करोड़ रुपये के शुध्द घाटे का सामना करना पड़ा था।बहरहाल चैनल की खबरों का परिचालन बहुत ही बेहतर रहा और साथ ही एनडीटीवी इमेजिन पर परोसे जाने वाले प्रोग्राम की रेटिंग भी अच्छी रही।
कुल मिलाकर कहा जाए तो प्रसारणकर्ता जनरल इंटरटेन्मेंट स्पेस की दिशा में कदम बढ़ रहे हैं, जिसपर फिलहाल सोनी टेलीविजन का कब्जा है।विशेषज्ञों का मानना है कि एक वर्ष के परिचालन के दौरान कंपनी को विज्ञापन राजस्व से करीब 200 करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है।हालांकि जब तक नए चैनलों को मुनाफा नहीं होता है तब तक प्रसारणकर्ता की बैलेंस शीट पर दबाव बना रहेगा।
उल्लेखनीय है कि बीते पांच सालों में एनडीटीवी द्वारा पांच विभिन्न प्रकार की चैनलों का प्रसारण शुरू किया गया।इसके अलावा एनडीटीवी आने वाले दिनों में लाइफस्टाइल से जुड़ी अन्य चैनलों और साथ ही फिल्मी चैनलों को लांच करने की भी योजना बना रहा है।
एनडीटीवी एक बिजनेस समाचार चैनल भी शुरू करने की जुगत में लगा हुआ है। इस वक्त प्रसारणकर्ता विज्ञापनदाताओं को रिझाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। इसके अलावा एनडीटीवी मीडिया सॉफ्टवेयर, ग्लोबल कंसल्टिंग और ऑउटसोर्सिंग प्रक्रिया पर भी ध्यान दे रहा है।
बीते दिनों शेयर बाजार में एनडीटीवी के शेयर का अच्छा प्रदर्शन रहा। हालांकि इसके शेयरों को 413 रुपये पर बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए ताकि कंपनी की स्थिति और मजबूत बन सके।
पेट्रोनेट : उम्मीद से बेहतर
अगर बीएचईएल और एनटीपीसी ने मार्च 2008 तिमाही के अपने परिणामों से बाजार को हताश किया तो निस्संदेह उस दौरान पेट्रोनेट एलएनजी ने उम्मीद से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया था।
उदाहरण के लिए, मार्च तिमाही में कंपनी ने सिर्फ अत्याधिक मात्रा में तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) की बिक्री ही नहीं बल्कि इससे बेहतर कमाई भी की थी।उल्लेखनीय है कि 6,555 करोड़ रुपये के राजस्व वाली इस कंपनी ने ठेके और हाजिर दोनों ही तरीकों से एलएनजी का निर्यात किया है। यह कंपनी फर्टीलाइजर इंडस्ट्री जैसे उपभोक्ताओं को एलएनजी की सप्लाई करती है।
बहरहाल, पेट्रोनेट को एलएनजी की बिक्री और इससे बेहतर कमाई के लिए बहुत ज्यादा मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके पीछे मुख्य कारण है कि देश में प्राकृतिक गैस की मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। लिहाजा प्राकृतिक गैस की बढ़ती मांग की वजह से पेट्रोनेट को फायदा ही होगा।
इससे भी कहीं ज्यादा, कंपनी को वैश्विक बाजार से लाभ उठाने का मौका मिला, क्योंकि वहां पहले से ही प्राकृतिक गैस की कीमत अधिक है। लिहाजा कंपनी की कमाई में 5 फीसदी की बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।
बहरहाल, पेट्रोनेट की शुध्द बिक्री 14 फीसदी की बढ़त के साथ 1,753 करोड़ रुपये पर बनी हुई है। हालांकि वित्तीय वर्ष 2008 की चौथी तिमाही में कंपनी के सालाना परिचालन मुनाफा मार्जिन में 65 आधार अंक पर 12.25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी। कंपनी के परिचालन मुनाफा मार्जिन में गिरावट का मुख्य कारण अन्य खर्चों में बढ़ोतरी है। यद्यपि वित्तीय वर्ष 2008 के दौरान कंपनी का मार्जिन 13.2 फीसदी के साथ 140 आधार अंक ऊपर था।
एक ऐसे समय में जब देश में प्राकृतिक गैस की कमी है, पेट्रोनेट बेहद फुर्ती और चतुरता के साथ कारोबार कर रही है। हालांकि आने वाले दिनों में पेट्रोनेट के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि देश की बड़ी तेल कंपनियों में एक ओएनजीसी इस बाजार में उतर सकती है। लिहाजा, ओएनजीसी से पेट्रोनेट को झटका लग सकता है।
पिछले गुरुवार को पेट्रोनेट के शेयर ने 3.2 फीसदी की बढ़त के साथ अच्छा प्रदर्शन किया और यह 79 रुपये पर बंद हुआ था।