ऐंकर निवेशक गदगद | राजेश भयानी / मुंबई June 21, 2009 | | | | |
बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने बीते हफ्ते ऐंकर निवेशकों की जिस अवधारणा को मंजूरी दी है, उससे निवेश बैंकर खासे उत्साहित हैं।
वहीं सेबी ने कहा है कि इसमें घरेलू म्यूचुअल फंडों के लिए विशेष हिस्सा होना चाहिए। सेबी ने गुरुवार को अपनी बोर्ड बैठक में फैसला किया था कि क्वालिफाइड संस्थागत खरीदारों (क्यूआईबी) के लिए तय 30 फीसदी हिस्सा ऐंकर निवेशकों को आवंटित किया जा सकता है।
इसमें निवेशक बुरे वक्त में इश्यू बेच भी सकते हैं। वहीं इससे बाजार में उतार-चढ़ाव की स्थिति को काबू में करने में भी मदद मिलेगी क्योंकि इस तरह के आवंटन में इश्यू के सूचीबद्ध होने के 1 महीने तक ऐंकर निवेशक इसे बेच नहीं सकेंगे।
आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) में ऐंकर निवेशकों के प्रस्ताव का सुझाव सेबी की प्राथमिक बाजार सलाहकार समिति ने दिया था। बाजार नियामक ने यह भी कहा है कि ऐंकर निवेशक अपने हिस्से के अलावा दोबारा क्यूआईबी हिस्सेदारी से शेयर हासिल करने के लिए दावेदारी कर सकते हैं। इश्यू में ऐंकर निवेशकों का मामला बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के जरिये ही तय होगा।
सेबी ने कहा है कि ऐंकर निवेशकों को क्यूआईबी के हिस्से के ही शेयर मिलने चाहिए और इसके लिए खुदरा निवेशकों के हिस्से से कोई छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। इसके अलावा घरेलू म्युचुअल फंडों के लिए भी ऐंकर निवेशकों के हिस्से के एक तिहाई या फिर क्यूआईबी कोटे के 10 फीसदी के बराबर हिस्सा आरक्षित होना चाहिए।
मर्चेंट बैंकरों को लगता है कि बुक बिल्डिंग प्रक्रिया के जरिये इश्यू की जो कीमत तय होगी ऐंकर निवेशकों को उससे ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसकी वजह है शेयर आवंटित करने का तरीका जिसमें ओपन वर्ग में ओवर सब्सक्रिप्शन हो सकता है।
हालांकि सेबी ने यह भी कहा है कि अगर शेयर आवंटित होने के वक्त की कीमत बुक बिल्डिंग के बाद की कीमत से ज्यादा है तब ऐंकर निवेशकों को इसके लिए ज्यादा भुगतान करना होगा। दूसरी ओर अगर तय कीमत बुक बिल्डिंग के वक्त की कीमत से कम है इस स्थिति में ऐंकर निवेशकों को बचा हुआ पैसा वापस नहीं किया जाएगा।
सेबी ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिलहाल ऐंकर निवेशकों को आवेदन के समय 25 फीसदी मार्जिन का ही भुगतान करना होगा जबकि बचे हुए 75 फीसदी का भुगतान इश्यू बंद होने के दो दिनों के भीतर करना होगा। लेकिन अगर सेबी ने बाद में क्यूआईबी के लिए मार्जिन भुगतान के नियमों में बदलाव किया तब यह ऐंकर निवेशकों पर भी लागू होगा। वैसे सेबी चाहता है कि क्यूआईबी आवेदन के समय ही पूरा भुगतान करें।
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