लिक्विड फंडों के बजाय आर्बिट्राज फंडों का रुख कर रहे हैं निवेशक | अंजू यादव / मुंबई June 12, 2009 | | | | |
लिक्विड फंडों के रिटर्न कम होने के साथ ही हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल (एचएनआई) और रिटेल निवेशक अब पैसा लगाने के लिए आर्बिट्राज फंडों का रुख कर रहे हैं।
टैक्स के मामले में आर्बिट्राज फंड लिक्विड फंडों से बेहतर होते हैं, साथ ही आर्बिट्राज फंडों के रिटर्न भी बेहतर होते जा रहे हैं। आर्बिट्राज फंडों में शार्ट टर्म गेन पर टैक्स इक्विटी फंडों की तरह ही 15 फीसदी ही लगता है जबकि लिक्विडिटी फंडों पर 28 फीसदी की दर से डिविडेंड डिस्ट्रिब्यूशन टैक्स वसूला जाता है जिससे इसके रिटर्न पर खासा असर पड़ जाता है।
इसके अलावा सेबी के हाल के निर्देशों के मुताबिक लिक्विड फंडों के 91 दिन से ज्यादा की मेच्योरिटी वाले इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश पर रोक है। इससे इनके रिटर्न पर और ज्यादा असर पड़ा है। यही नहीं सिस्टम में मुद्रा की सप्लाई काफी होने से अगले कुछ महीनों में 15 से 90 दिनों के पेपर्स पर रिटर्न कमजोर ही रहने के आसार हैं।
जबकि आर्बिट्राज फंड कैश और वायदा बाजार के बीच के मौकों का खासा लाभ उठा लेते हैं। यह फंड कैश बाजार से शेयर खरीद कर वायदा बाजार में उसकी बिकवाली कर सकते हैं जिससे दोनों के बीच कीमत के अंतर का उन्हें अच्छा लाभ मिल जाता है। यह तरीका उन्हे बाजार के उतार चढ़ाव के जोखिम से भी बचाता है क्योकि वो खरीदारी भी करते रहते हैं और साथ ही बिकवाली भी करते रहते हैं।
मौजूदा समय में लिक्विड फंडों का एक माह का रिटर्न करीब 0.36 फीसदी है और टैक्स लगाने के बाद यह करीब 0.07 फीसदी बैठता है। जबकि आर्बिट्राज फंड महीने में 0.35 फीसदी का रिटर्न दे रहे हैं और टैक्स लगाने के बाद सालाना आधार पर दोनों के रिटर्न देखें तो लिक्विड फंड 5.5 फीसदी का रिटर्न दे रहे हैं जबकि आर्बिट्राज फंड 6.85 फीसदी का रिटर्न दे रहे हैं।
एक फंड मैनेजर के मुताबिक मौजूदा बाजार में इंट्राडे में चल रहे खासे उतार चढ़ाव से आर्बिट्राज फंडों के पास आर्बिट्राज के पर्याप्त अवसर होते हैं। अस्थिर बाजार में कैश की तुलना में वायदा का प्रीमियम घटता बढ़ता रहता है और आने वाले समय में बाजार अस्थिर और तेज रहने के आसार होने से इस तरह के फंडों के लिए यह बेहतर साबित हो सकता है।
इसके अलावा बात केवल रिटर्न की नहीं है। जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ महीनों से आर्बिट्राज फंडों में निवेश का इनफ्लो भी खासा अच्छा रहा है। मिसाल के लिए कोटक आर्बिट्राज फंड की संपत्ति पिछले दो महीनों में 280 फीसदी बढ़ गई है। जबकि इस दौरान एसबीआई आर्बिट्राज फंड की संपत्ति 23 फीसदी और जेएम की 20.90 फीसदी बढ़ी है।
स्टेट बैंक के आर्बिट्राज फंड के मैनेजर अरुण अग्रवाल का कहना है कि चूंकि कैश का बाजार चढ़ रहा है लिहाजा आर्बिट्राज की बहुत अच्छे अवसर बन रहे हैं। एचएनआई अपना कुछ पैसा लिक्विड फंडों से हटाकर आर्बिट्राज फंडों में लगा रहे हैं क्योंकि उन्हें इस समय रोजाना के आधार पर पैसे की जरूरत नहीं है और वह लंबे समय के लिए निवेश कर सकते हैं।
|