लैंको इन्फ्राटेक ने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में लगने वाले दो अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट के विकास कार्य को पूरा करने के लिए सबसे कम बोली लगा कर अनिल अंबानी समूह की रिलांयस पावर को पछाड़ दिया है।
उत्तर प्रदेश बिजली कार्पोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल)के राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद ही मूल्यांकन समिति अनुबंध देने के बारे में निर्णय लेगी।यूपीपीसीएल के प्रबंध निदेशक अविनाश अवस्थी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इस पूरी प्रक्रिया में एक महीने का समय लग सकता है।
ऐसा दूसरी बार हुआ है जब हैदराबाद की कंपनी लैंको ने उत्तर प्रदेश में बिजली क्षेत्र में रिलांयस को मात दी है। इसके पहले सोनभद्र जिले में अनपरा सी बिजली परियोजना को भी लैंको ने रिलांयस और एस्सार की उपस्थिति में कड़ी बोली के बीच हथिया लिया था। राज्य सरकार ने इलाहाबाद जिले के बारा और करछना में सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित 1,980 मेगावाट और 1,320 मेगावाट के बिजली संयत्र लगाने की योजना बनाई है।
इन प्लांटो के लिए कुल 6 कंपनियों ने तकनीकी और वित्तीय बोली लगायी। बारा योजना के लिए जिंदल स्टील ऐंड पावर कंपनी , एनटीपीसी, रिलायंस पावर और लैंको इन्फ्राटेक ने बोली लगाई। इसके अलावा करछना प्लांट के लिए कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड, जिंदल स्टील ऐंड पावर, जेएसडब्लू एनर्जी, रिलांयस पावर और लैंको इन्फ्राटेक ने करछना प्लांट के लिए बोली लगाई।
इन प्लांटों के लिए तकनीकी बोलियां और वित्तीय बोलियां लगाई जा चुकी हैं। वित्तीय और तकनीकी बोलियों को शामिल करके ताप विद्युत परियोजनाओं के लिए टेंडर का निर्धारण किया जाएगा। राज्य सरकार इन दोनों प्लांटो को निजी सार्वजनिक भागीदारी के आधार पर स्थापित करने का मन बना चुकी है। राज्य सरकार का ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में अपनी संपूर्ण बिजली क्षमता को बढ़ाकर 10,000 मेगावाट तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
अभी राज्य को अपनी बढ़ती बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए केंद्र और अन्य राज्यों से बिजली लेनी पड़ती है। पिछले कुछ वर्षो से उत्तर प्रदेश की बिजली क्षमता में जरा सा भी इजाफा नहीं हुआ है। जबकि बिजली की मांग दिन दूरी रात चौगुनी वृद्धि होती जा रही है।