एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख ने आज कहा कि भारत इस समय दुनिया से अलग नहीं है और इसे कुछ मंदी का सामना करना पड़ेगा। हालांकि उन्होंने कहा कि भारत विश्व की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना रहेगा। वर्ल्ड कांग्रेस फॉर एकाउंटेंट्स में पारेख ने कहा, ‘मेरा मनना है कि भारत 3.4 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था से बढ़कर अगले 5 साल के भीतर 7.5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है। भारत की वृद्धि की संभावनाएं मौजूद हैं।’ भारत 2022 में 7 प्रतिशत की सुस्त रफ्तार से बढ़ेगा, लेकिन अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे वृद्धि शुरू हो चुकी है। पारेख ने हाल के एक शोध का हवाला देते हुए कहा कि भारत में मध्य वर्ग की संख्या 2031 तक 50 लाख से बढ़कर 2.5 करोड़ पहुंचने की संभावना है, जिनकी सालाना आमदनी 35,000 डॉलर है। इस अवधि के दौरान प्रति व्यक्ति आय 2,300 डॉलर से बढ़कर 5,200 डॉलर होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि भारत में इस समय बहुत कुछ चल रहा है और मैं भारत को लेकर इतना आशावादी कभी नहीं था, जितना अभी हूं। उन्होंने सरकार के तमाम सुधारों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने, 5जी सेवाएं शुरू होने और बुनियादी ढांचा के लिए गतिशक्ति योजना आदि का हवाला दिया। पारेख के मुताबिक डिजटलीकरण और वित्तीय समावेशन से भारत को ताकत मिली है। उन्होंने कहा कि सेवा से संचालित अर्थव्यवस्था में हम विश्व के पृष्ठभूमि के कार्यालय के रूप में जाने जाते हैं और अब हाई-एंड मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में भी अपनी स्थिति मजबूत कर रहे हैं। विश्व भर के केंद्रीय बैंक इस समय बढ़ती ब्याज दर और महंगाई दर पर काबू पाने की कवायद में लगे हैं, लेकिन अभी आर्थिक वृद्धि रुकी नहीं है। पारेख ने कहा कि संगठनों को आगे कठिन भूमिका निभानी है।
