ई-कॉमर्स और अन्य प्लेटफॉर्मों पर सभी उत्पादों व सेवाओं के लिए फर्जी रिव्यू पोस्ट करने को लेकर केंद्र सरकार इस सप्ताह दिशानिर्देश जारी करेगी। सूत्रों ने कहा कि दिशानिर्देश में कंपनियों को निर्देश दिया जा सकता है कि वे रिव्यू करने वालों से पहचान का ब्योरा मांगें, जिसमें बिल, दस्तावेज, फोटो और वीडियो शामिल हैं, जिससे केवाईसी की विधि के मुताबिक उसकी फिर से जांच की जा सके। सूत्रों का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को यह भी कहा जाएगा कि वे अन-वैरीफायड ग्राहकों व समीक्षा करने वालों को हटाएं और ऐसा करने में विफल रहने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। दिशानिर्देशों में उल्लिखित नियम शुरुआत में स्वैच्छिक होंगे, लेकिन अगर कंपनियां दिशानिर्देशों का पालन नहीं करती हैं तो कुछ समय बाद अनिवार्य किया जाएगा। जून में गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर भारतीय मानक ब्यूरो ने दिशानिर्देश तैयार किए हैं। समिति में सभी हिस्सेदारों- एडजवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल आफ इंडिया, कनफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री और उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल थे।प्रतिस्पर्धी कंपनियों के खिलाफ भुगतान वाले नेगेटिव रिव्यू की स्थिति में ई-कॉमर्स कंपनियों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा। बीआईएस के नियमों का पालन न करने पर यह जुर्माना 10 लाख रुपये से लेकर 50 लाख रुपये तक हो सकता है।
