भारत की सबसे बड़ी बिजनेस-टु-बिजनेस ई-कॉमर्स कंपनी उड़ान ने स्टार्टअपों के लिए सुस्त पड़ चुके कोष उगाही सीजन में शेयरधारकों और बॉन्डधारकों से परिवर्तनीय पत्रों और डेट के जरिये 12 करोड़ डॉलर जुटाए हैं। अगले 12-18 महीनों में आईपीओ लाने की योजना बना रही उड़ान के लिए कोष उगाही पिछली चार तिमाहियों में 35 करोड़ डॉलर को पार कर गई है, जिसके साथ ही यह देश में सबसे बड़ी व्यवस्थित कोष उगाही में से एक बन गई है। बेंगलूरु स्थित उड़ान के मौजूदा निवेशकों में माइक्रोसॉफ्ट, लाइटस्पीड वेंचर पार्टनर्स, एमऐंडजी प्रूडेंशियल, कैसर परमानेंट, नोमुरा, टीओआर, एरेना इन्वेस्टर्स, समेना कैपिटल और ईशान कैपिटल शामिल हैं। उड़ान के मुख्य वित्तीय अधिकारी आदित्य पांडे ने कर्मचारियों को भेजी एक आंतरिक रिपोर्ट में कहा है, 'स्टार्टअप तंत्र के लिए कोष उगाही संबंधित चुनौतियों के बावजूद, इस पूंजी उगाही से हमारे बिजनेस मॉडल में निवेशकों के भरोसे का पता चलता है।' पांडे ने कहा, ' हमारे बिजनेस मॉडल के विकास में निवेशकों का अहम योगदान है।' उड़ान की वैल्यू जनवरी 2021 में मौजूदा और नए निवेशकों से आकर्षित हुए 28 करोड़ डॉलर के पिछले निवेश राउंड के वक्त 3.1 अरब डॉलर थी। उद्योग सूत्रों के अनुसार, नए फंडिंग राउंड से संबंधित मूल्यांकन बाद में किया जाएगा, या तो आईपीओ या आईपीओ-पूर्व फंडिंग राउंड के समय। कन्वर्टीबल नोट्स का इस्तेमाल कंपनियों द्वारा आईपीओ से पहले किया जाता है और इन्हें आईपीओ के समय इक्विटी में तब्दील कराया जाता है। पिछले साल सितंबर में, उड़ान ने सह-संस्थापक वैभव गुप्ता को मुख्य कार्याधिकारी नियुक्त किया था। यह बदलाव कंपनी के लिए विकास के नए चरण की योजना का हिस्सा था। अन्य दो सह-संस्थापकों आमोद मालवीय और सुजीत कुमार को भी बोर्ड सदस्यों के तौर पर शामिल किया गया था। कंपनी ने कहा है कि उसका राजस्व वित्त वर्ष 2022 में करीब 10,000 करोड़ रुपये पर रहा है, जो वित्त वर्ष 2021 के मुकाबले 1.6 गुना की वृद्धि है।
