भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा एक्सेस नेटवर्क प्रदाताओं (एएनपी) को थोक बिक्री आधार पर लाइसेंस की अलग श्रेणी बनाए जाने वाले अपने सुझाव स्वीकार करने के लिए दूरसंचार विभाग (डीओटी) से दोबारा अनुरोध करेगा। हालांकि डीओटी ने शुरू में इस योजना को ठुकरा दिया था, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ट्राई अपना मामला उठाने के लिए फिर से विभाग को पत्र लिखेगा और जल्द ही इस पर चर्चा की जाएगी पिछले साल, ट्राई ने सुझाव दया था कि एएनपी दूरसंचार ऑपरेटरों, इंटरनेट सेवा कंपनियों को होलसेल आधार पर विक्रेता के तौर पर अपनी सेवाएं मुहैया कराने के लिए संपूर्ण दूरसंचार नेटवर्क तैयार कर सकते हैं। लेकिन दूरसंचार विभाग ने इस योजना के खिलाफ तर्क पेश करते हुए कहा था कि ऐसे लाइसेंस के लिए पर्याप्त बाजार मांग नहीं है। जब योजना पर अमल होगा तो इससे दूरसंचार क्षेत्र में एक नया उद्योग वर्टिकल तैयार होगा ओर ज्यादा घरेलू और विदेशी कंपनियां आकर्षित होंगी। ट्राई ने यह भी कहा है कि इससे तीन दूरसंचार सेवा प्रदाताओं - रिलायंस जियो, भारती एयरटेल ओर वोडाफोन आइडिया समेत सभी के लिए लागत घटाने में मदद मिलेगी। ऐसे परिवेश में, इस बदलाव सेअदाणी समूह को मुकेशअंबानी की रिलायंस जियो के साथ प्रत्यक्ष रूप से प्रतिस्पर्धा किए बगैर दूरसंचार बाजार में अपनी उपस्थिति बनाने में मदद मिल सकेगी। वैश्विक रूप से, निजी ग्राहकों और व्यवसायियों को इंटरनेट पहुंच (ग्राहकों को उनके सेवा प्रदाता से तुरंत जोड़कर) मुहैया कराने वाली कोई भी कंपनी को एएनपी कहा जाता है। इनमें इंटरनेट एक्सेस प्रदाता (आईएसपी) और ऑनलाइन सेवा प्रदाता (ओएसपी) दोनों शामिल हैं। विनियामक ने कहा है कि इस लाइसेंस से इस क्षेत्र में और निवेश आएगा क्योंकि आर्थिक कार्यक्षेत्रों तथा विशेष रूप से उद्यम और औद्योगिक क्षेत्रों में एएनपी के लिए 5जी में अलग-अलग तरह का इस्तेमाल होता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ट्राई का मानना है कि इन सिफारिशों से स्पष्ट रूप से निवेश आकर्षित होगा, सेवा डिलिवरी खंड मजबूत होगा और इंडस्ट्रीज 4.0 की जरूरतों के मामले में 5जी सेवाओं की शुरुआत का आधार बन सकती हैं। उन्होंने कहा कि इससे नेटवर्क संसाधनों को साझा करने में वृद्धि होगी और लागत में कमी आएगी। ट्राई ने वायरलेस और वायरलाइन एक्सेस नेटवर्क सहित एक्सेस नेटवर्क स्थापित करने और बनाए रखने के लिए एएनपी का दायरा तथा नेटवर्क सेवाओं की बिक्री को अनिवार्य किया है। ट्राई ने यह भी सिफारिश की है कि एएनपी को स्पेक्ट्रम नीलामी के माध्यम से स्पेक्ट्रम हासिल करने की अनुमति दी जानी चाहिए। ट्राई द्वारा एएनपी की सिफारिशों पर जोर देने की एक प्रमुख वजह इसकी यह घोषित नीति है कि सरकार को अलग-अलग लाइसेंसिंग के जरिये दूरसंचार परिचालन के विभिन्न स्तर खोले जाने चाहिए।
