तुर्की की विमानन कंपनी इंडिगो को तीन बोइंग 777-300ईआर विमान पट्टे पर दे रही है क्योंकि वह भारत का अपना कारोबार बढ़ाना चाहती है। दुनिया की सबसे बड़े नेटवर्क वाली विमान कंपनी होने के बावजूद सीमित यातायात अधिकारों के कारण भारत में इसका विकास बाधित हुआ है। तुर्की एयर लाइंस के मुख्य कार्याधिकारी बिलाल एक्सी ने अनीश फडणीस को ईमेल के जरिये हुई बातचीत में विमानन कंपनी की विकास रणनीति के बारे में बताया। संपादित अंश:मार्च के अंत में दिल्ली और मुंबई के लिए अपनी उड़ानें फिर से शुरू करने के बाद तुर्की एयरलाइंस भारत में किस तरह की वृद्धि देख रही है? हमारी उड़ानें 2003 से दिल्ली के लिए और 2006 से मुंबई के लिए संचालित हो रही हैं। 2009 में दोनों गंतव्यों के लिए आवागमनों को दोगुना कर दिया गया था और हम दोनों गंतव्यों के लिए एक सप्ताह में सात उड़ानें संचालित किए। हम आवागमन और क्षमता बढ़ाकर भारत में विकास करना चाहते हैं।सामान्य तौर पर भारत और तुर्की के बीच मूल गंतव्य वाली कितनी फीसदी उड़ानें होती हैं? भारत से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए मुख्य रूप से आगे के गंतव्य कौन से हैं? 2022 के पहले नौ महीनों के दौरान भारत से प्रस्थान करने वाले हमारे पच्चीस फीसदी यात्री अंतरराष्ट्रीय थे, जिन्हें तुर्की में अपनी यात्रा समाप्त की। हमने शेष, दूसरी जगह जाने वाले यात्रियों को ज्यादातर उत्तरी अमेरिकी और यूरोपीय देशों जैसे अमेरिका, कनाडा, जर्मनी और इंग्लैंड में पहुंचाया। सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क, टोरंटो, लंदन और एम्स्टर्डम भारत के यात्रियों के लिए आगे के गंतव्यों में से हैं।इंडिगो के साथ तुर्की एयरलाइंस का कोड साझा करने का समझौता है। यह कैसे आकार ले रहा है?तुर्की एयरलाइंस और इंडिगो ने तुर्की और भारत के बीच एक-दूसरे की उड़ानों पर कोड-साझा करने पर सहमति व्यक्त की है। तुर्की एयरलाइंस के रूप में, हम अहमदाबाद, हैदराबाद, चेन्नई, कोलकाता अमृतसर और बेंगलूरु के लिए कोड निर्धारित करते हैं। इसके अलावा, इंडिगो यूरोप में कई गंतव्यों के लिए कोड निर्धारण करता है। तुर्की एयरलाइंस उन मॉडलों के साथ साझेदारी करती है जो सकारात्मक संबंधों के आधार पर अधिकतम लाभ प्रदान करेंगे। पिछले हफ्ते एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि तुर्की एयरलाइंस इंडिगो को 3 बोइंग 777 300ईआर विमान उधार देगी और उन्हें भारत-इस्तांबुल मार्गों के लिए संचालित किया जाएगा। कृपया इस बारे में बताएं। तीन बी777-300ईआर विमानों के लिए बातचीत हो चुकी है। विमान में प्रत्येक में 400 सीटें हैं और इसे दिल्ली और मुंबई से इस्तांबुल मार्गों पर संचालित किया जाएगा।कम समय वाली इस उधारी से तुर्की एयरलाइंस को कैसे मदद मिलेगी? कम समय वाली उधारी (वेट-लीज) के सहयोग के साथ, इंडिगो बड़े यात्री विमान के कारण मुंबई-इस्तांबुल मार्ग पर भी काम करने में सक्षम होगी, क्योंकि इंडिगो के बेड़े में वर्तमान में छोटे यात्री विमान हैं, जो उस मार्ग पर संचालित नहीं किया जा सकता है। इस सहयोग से अतिरिक्त क्षमता में बढ़ोतरी होगी और दोनों देशों के बीच उड़ानों में सीटों की संख्या भी लगभग दोगुनी हो जाएगी।क्या वर्तमान में या विचाराधीन स्थिति में दोनों विमानन कंपनियों के बीच सहयोग के कोई अन्य विकल्प हैं? इंडिगो भारत में हमारा साझेदार है और हम भारत में एक साथ बढ़ने की अपनी योजनाओं में अपने सहयोग पर जोर देते हैं। दोनों विमानन कंपनियों ने रणनीतिक सहयोग के विकल्पों पर चर्चा जारी रखी, हालांकि महामारी के दौरान उड़ानें संचालित करना संभव नहीं था। कोई भी सहयोग, जो आपसी लाभ प्रदान करेगा, वह हमारे एजेंडा में होगा।
