गो फर्स्ट ने कहा है कि अमेरिका स्थित प्रैट ऐंड व्हिटनी द्वारा इंजनों की आपूर्ति में देरी और कोविड-19 की कई लहरों की वजह से वित्त वर्ष 22 में इसका शुद्ध घाटा दोगुना से अधिक बढ़कर 1,807.91 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले सप्ताह इसकी नियामक सूचना में यह जानकारी दी गई है। विमान कंपनी के बेड़े में 54 विमान शामिल हैं और उनमें से तकरीबन 90 प्रतिशत पीडब्लू इंजन वाले ए320नियो विमान हैं। सूत्रों के अनुसार इंजनों की आपूर्ति में देर होने की वजह से गो फर्स्ट के करीब 20 ए320 नियो विमान फिलहाल बंद पड़े हैं।गो फर्स्ट ने बिजनेस स्टैंडर्ड के इन सवालों का जवाब नहीं दिया कि क्या उसने वित्त वर्ष 22 में इंजन के मसलों की वजह से हुए नुकसान के कारण पीडब्लू से कोई तकाजा किया है। पीडब्ल्यू ने भी इस संबंध में कोई टिप्पणी नहीं की। वित्त वर्ष 22 में गो फर्स्ट का शुद्ध घाटा बढ़कर 1,807.91 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 21 में 870.48 करोड़ रुपये था। यह पिछले कम से कम आठ वर्षों में इस विमान कंपनी द्वारा वहन किया जाने वाला सबसे अधिक नुकसान है।पिछले सप्ताह अपनी नियामकीय सूचना मे गो फर्स्ट ने कहा कि वित्त वर्ष 22 में इसका परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन पीडब्ल्यू द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले इंजनों में लगातार कई विफलताओं और संबंधित मसलों से निपटने में पीडब्ल्यू द्वारा देर किए जाने प्रभावित रहा है। इसके अलावा नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने निर्देश दिया था सभी विमानों के दोनों पंखों में उन्नत इंजन होने चाहिए, जिसके लिए पीडब्ल्यू ने विमान कंपनी और डीजीसीए दोनों से ही इस बात की पुष्टि की थी कि वह निर्दिष्ट समय सीमा के भीतर उन्नत इंजन प्रदान करेगी। कंपनी ने कहा है कि दुर्भाग्य से पीडब्लू डीजीसीए की शर्त पूरी करने के लिए उन्नत इंजनों की आपूर्ति करने में असमर्थ रहा और न ही बंद पड़े विमानों (एओजी) की संख्या कम करने के लिए पर्याप्त अतिरिक्त इंजनों की आपूर्ति कर पाया। किफायती विमान कंपनी, जिसे पहले गोएयर के नाम से जाना जाता था, ने कहा कि वित्त वर्ष 22 का प्रदर्शन भी वैश्विक महामारी कोविड-19 से प्रभावित हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप वर्ष के अधिकांश भाग के दौरान परिचालन में कमी आई।कंपनी का कहना है कि उसने पहली तिमाही में कोविड-19 की दूसरी लहर और वित्त वर्ष 22 की तीसरी तथा चौथी तिमाही में कोविड -19 की तीसरी लहर का असर देखा है। गो फर्स्ट ने कहा कि उसे बैंकरों से वित्त वर्ष 22 में 1,142 करोड़ रुपये का अतिरिक्त ऋण मंजूर किया गया था। कंपनी ने कहा वह बैंक और वैधानिक सभी देनदारियों को समय पर पूरा करती आ रही है और किसी भी भुगतान में चूक या देरी नहीं की है।
