ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस (Liz Truss) ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वो अगले प्रधानमंत्री चुने जाने तक पद पर बनी रहेंगी। वह मात्र 44 दिन ही पीएम पद पर रहीं। किसी भी ब्रिटिश प्रधानमंत्री का यह सबसे छोटा कार्यकाल है। कल ही गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन ने भी इस्तीफा दिया था। लिज ट्रस भारतीय मूल के ऋषि सुनक (Rishi Sunak) को हराकर बिट्रेन के प्रधानमंत्री के रूप में चुनी गई थी। डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर उन्होंने कहा, 'मैं वह उपाय नहीं कर सकी जिसके लिए मैं चुनी गई थी।' ट्रस ने कहा कि उन्होंने महाराजा चार्ल्स को बताया है कि वह कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में इस्तीफा दे रही हैं। ट्रस के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने के कुछ ही हफ्तों बाद अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन के चलते पार्टी में बगावत शुरू हो गई थी। वेंस्टमिंस्टर में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के बीच यह पाया गया है कि कंजरवेटिव पार्टी के सदस्य, लिज ट्रस को नेता चुनने के सितंबर के अपने फैसले को लेकर अफसोस कर रहे हैं। कंजरवेटिव पार्टी के नेता का चुनाव अगले सप्ताह तक पूरा किया जा सकता है। ट्रस के साथ चुनाव में उनके प्रतिद्वंद्वी रहे रिषी सुनक को अब प्रधानमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है लेकिन आपस में बंटी हुई टोरी पार्टी में अभी तक इस लिहाज से आम सहमति नहीं बनी है। अपने पति के साथ 10 डाउनिंग स्ट्रीट से निकल रहीं ट्रस ने कहा कि उन्होंने अत्यधिक अस्थिरता के दौर में पद संभाला था लेकिन अंतत: उन्होंने माना कि वह अपने आर्थिक एजेंडा को पूरा करने के मिशन में विफल रहीं। ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री बनी थीं। उनसे पहले मारग्रेट थेचर और थेरेसा मे इस पद पर रह चुकी हैं। सुनक को कंजरवेटिव पार्टी के नेता की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है लेकिन पार्टी के अंदर खींचतान की वजह से तस्वीर अभी साफ नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के करीबी लोगों का कहना है कि 2019 के आम चुनाव में उन्हें मिले जबरदस्त जनादेश को देखते हुए पार्टी को उन्हें वापस लाना चाहिए। हालांकि ट्रस की मौजूदा परेशानी इस बात की याद दिलाती है कि किस तरह जॉनसन को उनकी पार्टी के सांसदों और मंत्रियों की खुली बगावत के बीच जुलाई में पद छोड़ने और इस्तीफा देने को मजबूर होना पड़ा था।
