कोविड से पैदा हुए मंदी के रुझान के बावजूद, विश्लेषक रियल्टी क्षेत्र की आगामी राह को लेकर आशान्वित बने हुए हैं। रियल्टी क्षेत्र को मजबूत किफायत, शानदार मांग और प्रबंधन योग्य इन्वेंट्री स्तरों से मदद मिलने की संभावना है। हालांकि दर-संवेदी इस क्षेत्र पर सख्त ब्याज दर परिवेश में मंदी का खतरा बना हुआ है, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि कम कर्ज वाली रियल्टी कंपनियां दीर्घावधि में दर वृद्धि के प्रभाव का मुकाबला करने में सफल रहेंगी। एनारॉक के आंकड़े से पता चलता है कि कैलेंडर वर्ष 2022 की जुलाई-सितंबर तिमाही में, पूरे दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलूरु, हैदराबाद और पुणे में आवासीय संपत्तियों की बिक्री सालाना आधार पर 41 प्रतिशत बढ़कर 88,234 दर्ज की गई। तीसरी तिमाही में इन सात शहरों में नई पेशकशें भी सालाना आधार पर 45 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 93,490 आवास पर पहुंच गईं। शेयर बाजार में, ब्रिगेड एंटरप्राइजेज, डीएलएफ, गोदरेज प्रॉपर्टीज, इंडियाबुल्स रियल एस्टेट, ओबेरॉय रियल्टी, प्रेस्टीज एस्टेट्स, फीनिक्स मिल्स, और शोभा के शेयर वित्त वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में 28.3 प्रतिशत तक चढ़े। तुलनात्मक तौर पर, बीएसई के सेंसेक्स और निफ्टी-50 में समान अवधि के दौरान 8-8 प्रतिशत की तेजी आई। विश्लेषकों का कहना है कि जोखिम उठाने की क्षमता रखने वाले और उतार-चढ़ाव से मुकाबला करने में सक्षम निवेशक रियल एस्टेट शेयरों में बने रह सकते हैं। उदाहरण के लिए, जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के निवेश रणनीति प्रमुख गौरांग शाह ने निवेशकों को इस क्षेत्र में भरोसेमंद कंपनियों के साथ जुड़े रहने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा, ‘आपको रियल्टी सेक्टर की हाई बीटा प्रवृत्ति से अवगत रहना चाहिए। ज्यादा जोखिम उठाने की क्षमता रखने वाले निवेशक ऐसी कंपनियों के शेयर बनाए रख सकते हैं जो ज्यादा कर्ज से जुड़ी हुई नहीं हैं। हम डीएलएफ, गोदरेज प्रॉपर्टीज, ओबेरॉय रियल्टी, और प्रेस्टीज एस्टेट्स पर दीर्घावधि नजरिये से सकारात्मक हैं।’ आवासीय मांग विश्लेषकों का मानना है कि बुनियादी स्तर पर आवासीय मांग में तेजी भविष्य में बरकरार रहने की संभावना है, भले ही आवासीय कीमतों और ब्याज दरों में इजाफा हुआ है। आवासीय संपत्ति की कीमतें जुलाई-सितंबर तिमाही में तिमाही आधार पर 1-2 प्रतिशत और सालाना आधार पर करीब 4-7 प्रतिशत बढ़ीं। आईडीबीआई कैपिटल में शोध प्रमुख ए के प्रभाकर का कहना है, ‘ हमें उम्मीद है कि प्रॉपर्टी बिक्री में तेजी का रुझान अल्पावधि में बना रहेगा और यह नहीं सोचना चाहिए कि बढ़ती ब्याज दरों से आवासीय ऋण प्रभावित होंगे।’ ऐक्सिस सिक्योरिटीज के पोर्टफोलियो प्रबंधक निशित मास्टर का मानना है कि इन्वेंट्री स्तर यानी बगैर बिकी हुई संपत्ति का स्तर नियंत्रण में है और हम बढ़ती ब्याज दर के परिवेश में इस क्षेत्र पर उत्साहित बने हुए हैं। आवास ऋण दरें ब्याज दर वृद्धि को देखते हुए एनारॉक ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी का मानना है कि दरों में लगातार बढ़ोतरी से सीमेंट, इस्पात जैसे कच्चे माल और श्रम की लागत बढ़ जाएगी। बढ़ती ब्याज दरों से खरीदारों के बीच किफायत की धारणा प्रभावित हो सकती है।
