जोरदार बिक्री और बीच-बीच में की गई दाम वृद्धि से टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) को घाटे में चल रहे अपने परिचालन में बदलाव लाने में मदद मिली है। इसने पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 22) के दौरान चार साल में अपना सर्वाधिक शुद्ध लाभ दर्ज किया है। इस बदलाव से पता चलता है कि टीकेएम में लागत में सुधार की पहल और अपने मॉडलों के औसत बिक्री मूल्य में वृद्धि के अलावा टोयोटा मोटर (टीएमसी) और सुजूकी मोटर (एसएमसी) के बीच चार साल पुराने वैश्विक गठबंधन ने प्रतिफल देना शुरू कर दिया है। कंपनी द्वारा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज को सौंपे गए वित्तीय दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने वित्त वर्ष 22 में 518.8 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया है, जबकि वित्त वर्ष 21 में 55 करोड़ रुपये की शुद्ध घाटा दर्ज की थी। टीकेएम के कार्यकारी उपाध्यक्ष (वित्त और प्रशासन) स्वप्नेश आर मारु ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘कंपनी द्वारा किए गए लागत में कमी और राजस्व वृद्धि के उपायों के अलावा वित्त वर्ष 2021-22 में लाभ का श्रेय मुख्य रूप से टीकेएम द्वारा निर्मित मॉडलों के योगदान को जाता है।’ जैटो डायनेमिक्स के अध्यक्ष और निदेशक रवि भाटिया ने कहा कि टीकेएम के अपने मॉडलों से संचालित अधिक लाभ बिक्री और मारुति के साथ रीबैजिंग की रणनीति से लाभ में सहायता मिली है। उन्होंने कहा कि इस रणनीति ने फर्म के खर्चों और निर्धारित लागतों में कमी करने में मदद की है। दामों में तीव्र वृद्धि, जो कच्चे माल के दामों में वृद्धि की तुलना में अधिक रही है, से भी लाभ बढ़ोतरी हुई है। जून 2019 में ग्लैंजा (सुजूकी बलेनो की रीबैज वाला मॉडल) से लेकर और इस महीने बिक्री के लिए पेश की जाने वाली अर्बन क्रूजर हाईराइडर (सुजूकी विटारा का रीबैज मॉडल) एसयूवी तक, दोनों ही कंपनियों ने इस वित्त वर्ष के आखिर में सी-खंड के बहु-उद्देश्य वाले वाहन पेश करने की तैयारी में जुटी हैं। उत्पादों और कलपुर्जों की आपस में आपूर्ति के लिए वित्त वर्ष 2019 में दो जापान की दो दिग्गज कंपनियों के बीच वैश्विक सहयोग की घोषणा की गई थी। इस गठजोड़ में उनकी भारतीय सहायक कंपनियों - टीकेएम और एमएसआईएल के बीच मॉडलों की अदला-बदली भी शामिल थी। कंपनी ने उपभोक्ताओं की मोबिलिटी जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम किया है।
