महंगाई के ऊंचे आंकड़े के बावजूद अमेरिकी शेयर बाजार में आई तेजी के बाद भारत सहित दुनिया भर के बाजारों में आज उछाल देखी गई। डॉलर, अमेरिकी बॉन्ड और बिकवाली थमने से बाजार में तेजी आई है। बेंचमार्क सूचकांक सेंक्सेस और निफ्टी कारोबार के दौरान 2 फीसदी तक चढ़ गए थे लेकिन कारोबार की समाप्ति पर उन्होंने अपनी करीब आधी बढ़त गंवा दी। सुबह के कारोबार में 1,200 अंक तक चढ़ने के बाद कारोबार बंद होने पर सेंसेक्स 684 अंक की तेजी के साथ 57,920 पर बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी भी 171 अंक की बढ़त के साथ 17,185 पर बंद हुआ। मुद्रास्फीति उम्मीद से ज्यादा बढ़ने के बावजूद अमेरिकी शेयर बाजार में तेजी से दुनिया भर के बाजारों में निवेशकों का हौसला बढ़ा है। अमेरिका का मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (खाद्य एवं ऊर्जा को छोड़कर) 6.6 फीसदी पर आ गया, जो 1982 के बाद का उच्चतम स्तर है। बाजार में आई तेजी के बने रहने को लेकर निवेशकों में संशय है क्योंकि ऊंची मुद्रास्फीति से ब्याज दरों में बढ़ोतरी की भी संभावना है। वैलेंटिस एडवाइजर्स के संस्थापक ज्योतिवर्द्धन जयपुरिया ने कहा, 'बाजार में हाल के समय हुई ज्यादा बिकवाली के कारण थोड़ा सुधार हुआ है। सुबह बाजार में खासी तेजी थी लेकिन बाद में इसने अपनी ज्यादातर बढ़त गंवा दी। उतार-चढ़ाव के बावजूद इस साल बाजार लगभग सपाट रहा है। फेडरल रिजर्व की अगली बैठक तक बाजार में एक दायरे में उतार-चढ़ाव बना रहेगा।' अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा कि फिलहाल कोई नई नकारात्मक खबर नहीं होने से निवेशकों का हौसला थोड़ा बढ़ा है। उन्होंने कहा, 'फेड अगली बैठक में ब्याज दर में 75 आधार अंक का इजाफा कर सकता है लेकिन इससे बाजार पर ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। इस बीच पाउंड और कुछ अन्य मुद्राओं में सुधार हुआ है और डॉलर थोड़ा नरम पड़ा है। मुद्रास्फीति के आंकड़े भी हैरान करने वाले नहीं थे।' बाजार में आई तेजी की लोग अलग-अलग व्याख्या कर रहे हैं। कुछ का कहना है कि एल्गो ट्रेडिंग प्रोग्राम से खरीदारी के कारण तेजी आई है। कुछ का कहना है कि हाल के हफ्तों में भारी बिकवाली के बाद अब शॉर्ट कवरिंग हुई है। आईटीआई लॉन्ग शॉर्ट इक्विटी फंड के प्रबंध निदेशक और मुख्य निवेश अधिकारी राजेश भाटिया ने कहा, 'आज की तेजी शॉर्ट कवरिंग की वजह से आई है।' निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दर में अगली दो बैठकों में 75-75 आधार अंक का इजाफा कर सकता है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि मौद्रिक नीति को सख्त बनाना बंद करने से पहले केंद्रीय बैंक ब्याज दर को 4.8 फीसदी के पार पहुंचा सकता है। पिछली तीन बैठकों में फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 75-75 आधार अंक का इजाफा किया है जिससे बेंचमार्क ब्याज दर 3 से 3.25 फीसदी के दायरे में पहुंच गई है। इस बीच फेडरल रिजर्व ने सितंबर की मौद्रिक नीति की बैठक का ब्योरा जारी किया है। इसमें बढ़ती मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिए कम उपाय किए जाने पर चिंता जताई गई है। हालांकि लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी से अर्थव्यवस्था में नरमी का भी जोखिम है। देसी शेयर बाजार की बात करें तो निफ्टी मिडकैप 0.1 फीसदी गिरा है। इस हफ्ते इसमें करीब 3 फीसदी की गिरावट आई है।
