केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को रसोई गैस (एलपीजी) के घाटे की भरपाई के लिए 22,000 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान देने को मंजूरी दे दी है। यह अनुदान इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) के बीच बंटेगा। तीन सरकारी कंपनियों द्वारा घरेलू रसोई गैस सिलिंडर की आपूर्ति नियमन के दायरे में आने वाली कीमत पर की जाती है। सरकार का तर्क है कि जून 2020 और जून 2022 के बीच रसोई गैस की अंतरराष्ट्रीय कीमत 300 प्रतिशत बढ़ी है, ऐसे में इस पर आने वाले पूरे खर्च का बोझ उपभोक्ताओं पर नहीं डाला गया है। केंद्र ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘इस दौरान घरेलू रसोई गैस की कीमत सिर्फ 72 प्रतिशत बढ़ाई गई है। इसकी वजह से ओएमसी को भारी घाटा हुआ है।’बहरहाल ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय कीमतों में भारी उतार चढ़ाव से बचाने के लिए ऐसा कदम उठाया गया, जिसकी वजह से तेल विपणन कंपनियों को भारी नुकसान हुआ। विज्ञप्ति में कहा गया है कि 3 सरकारी कंपनियों को अनुदान देने की स्वीकृति मिलने से इन्हें आत्मनिर्भर भारत अभियान को लेकर अपनी प्रतिबद्धता पूरी करने में मदद मिलेगी और और रसोई गैस सिलिंडरों की बाधारहित आपूर्ति भी सुनिश्चित हो सकेगी। कंपनियों को इस साल पेट्रोल व डीजल की बिक्री पर भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है और पहले के नुकसान की भरपाई में अभी वक्त लग सकता है। दीनदयाल बंदरगाह पर टर्मिनल के विकास को मंजूरी केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात में टूना-टेकरा, दीनदयाल बंदरगाह पर कंटेनर टर्मिनल विकसित करने की परियोजना को मंजूरी दे दी। इस परियोजना का विकास सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत किया जाएगा। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 4,243.64 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत रियायती (परियोजना का विकास करने वाली इकाई) की तरफ से होगी और 296.20 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सामान्य उपयोगकर्ता सुविधाओं का विकास किया जाएगा। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि रियायत अवधि के दौरान रियायती को एप्रोच चैनल, बर्थ पॉकेट और टर्निंग सर्कल को गहरा/चौड़ा करके 18 मीटर तक के जहाजों को संभालने की अनुमति होगी।
