सरकार ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से 42 तेल एवं गैस ब्लॉकों के अन्वेषण एवं विकास की पेशकश की है। तेल अन्वेषण नियामक हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय की घोषणा के मुताबिक 26 तेल व गैस ब्लॉकों की पेशकश ओपन एकरेज लाइसेंसिंग नीति (ओएएलपी) और 16 ब्लॉकों की पेशकश संभावित कोल-बेड मीथेन (सीबीएम) के तहत की गई है। सरकार ने 26 तेल व गैस ब्लॉकों की बोली के लिए कोई समयसीमा नहीं तय की है। इनका क्षेत्रफल करीब 2.23 लाख वर्ग किलोमीटर है, जो हाल के दिनों की सबसे बड़ी पेशकश में से एक है। इन ब्लॉकों के लिए रुचिपत्र (ईओआई) आमंत्रित किया गया है, जिससे कि क्षमतावान निवेशक आ सकें। 26 ब्लॉकों में से 15 बहुत गहरे पानी में, 8 छिछले पानी में जबकि 3 जमीन पर हैं। गहरे पानी वाले ब्लॉकों का क्षेत्रफल 1.59 लाख वर्ग किलोमीटर है, जबकि जमीन पर स्थित ब्लॉकों का क्षेत्रफल 3,666 वर्ग किलोमीटर है। सरकार ने ओएएलपी व्यवस्था पेश की थी, जिससे कि निवेशकों को नैशनल डेटा रिपॉजिटरी के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अन्वेषण व उत्पादन का अनुमान लगाकर अपने चयन के मुताबिक ब्लॉक लेने की सुविधा हो और वे अपने रुचि पत्र दाखिल कर सकें। ईओआई पूरे साल में कभी भी दाखिल किया जा सकता है और इसके लिए बोली के औपचारिक दौर की शुरुआत की जरूरत नहीं है। इसके पहले तेल व गैस ब्लॉक की बोली (ओएएलपी बोली दौर 8) इस साल जुलाई में 10 ब्लॉकों के लिए पेश की गई थी।
