इन्फोसिस का शेयर मंगलवार को 2.6 फीसदी टूटकर 1,425 रुपये पर टिका। एक दिन पहले आईटी कंपनी ने कहा था कि वह जल्द ही पुनर्खरीद कार्यक्रम पर फैसला लेगी। कंपनी का शेयर निफ्टी व निफ्टी आईटी इंडेक्स के मुकाबले भी कमजोर रहा, जिनमें क्रमश: 1.5 फीसदी व 2 फीसदी की गिरावट आई। पुनर्खरीद प्रस्ताव ऐसे समय में देखने को मिल रहा है जब आईटी शेयरों पर निवेशकों का सेंटिमेंट काफी ज्यादा बदला है। महामारी के बाद यह सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला क्षेत्र था लेकिन अब आईटी शेयर वैश्विक मंदी के डर के बीच निवेशकों के लिए दिलचस्प नहीं रह गया है। इन्फोसिस का शेयर इस साल 25 फीसदी गिरा है। विश्लेषकों का अनुमान है कि कंपनी 11,000 करोड़ रुपये के पुनर्खरीद की घोषणा करेगी। आईआईएफएल ऑल्टरनेटिव रिसर्च के उपाध्यक्ष श्रीराम वेलायुधन ने कहा, 74,000 करोड़ रुपये का नेटवर्थ मानें तो पुनर्खरीद अधिकतम 18,500 करोड़ रुपये का हो सकता है क्योंकि कंपनी अपने नेटवर्थ का अधिकतम 25 फीसदी पुनर्खरीद कर सकती है। हालांकि शेयरधारकों को अपने मुक्त नकदी प्रवाह का 85 फीसदी लौटाने की पूंजी आवंटन नीति और संभावित लाभांश भुगतान को देखते हुए हमारा मानना है कि पुनर्खरीद 11,000 से 12,000 करोड़ रुपये का हो सकता है। हाल के वर्षों में इन्फोसिस तीन बार पुनर्खरीद कर चुकी है। नवंबर 2017 में कंपनी ने 13,000 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद की। जनवरी 2019 में 8,260 करोड़ रुपये की और पिछले साल अप्रैल में 9,200 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद हुई। नूवामा ऑल्टरनेटिव ऐंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के अभिलाष पगारिया ने कहा, वित्त वर्ष 20-22 के बीच इन्फोसिस ने अपने नकदी प्रवाह का करीब 73 फीसदी लौटाया है, जो 85 फीसदी के उसके लक्ष्य से कम है। हमारा मानना है कि इन्फोसिस का नकदी प्रवाह वित्त वर्ष 23 में 25,000 करोड़ रुपये होगा, इसलिए 85 फीसदी के लक्ष्य पर पहुंचने के लिए वह वित्त वर्ष 23 में करीब 11,000 करोड़ रुपये का पुनर्खरीद करेगी। उन्हें उम्मीद है कि इन्फोसिस खुले बाजार से पुनर्खरीद का विकल्प चुनेगी और इसकी कीमत अधिकतम 1,750 रुपये से लेकर 1,850 रुपये प्रति शेयर के बीच हो सकती है। पुनर्खरीद प्रस्ताव पर विचार करने के लिए इन्फोसिस के निदेशक मंडल की बैठक 13 अक्टूबर को होगी, जिसमें सितंबर तिमाही के नतीजे भी सामने रखे जाएंगे। इन्फोसिस के अध्यक्ष का इस्तीफा इन्फोसिस ने नियामकीय सूचना में कहा है कि रवि कुमार एस ने कंपनी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका यह इस्तीफा 11 अक्टूबर से प्रभावी होगा। कंपनी ने एक्सचेंजों को भेजी सूचना में कहा, निदेशक मंडल ने कंपनी में रवि कुमार एस द्वारा प्रदान की गई सेवाओं के लिए उनकी गहरी सराहना की। कुमार इन्फोसिस में लगभग 20 साल तक कार्यरत रहे और इस दौरान उन्होंने उद्योग के सभी खंडों में इन्फोसिस ग्लोबल सर्विस ऑर्गनाइजेशन का नेतृत्व किया। अध्यक्ष बनने से पहले वह इंश्योरेंस, हेल्थकेयर और कार्ड्स ऐंड पेमेंट्स यूनिट के लिए समूह प्रमुख थे। इसके साथ ही उन्होंने इन्फोसिस बिजनेस प्रोसेस मैनेजमेंट की देखरेख की और अन्य भूमिकाओं के साथ लैटिन अमेरिका, जापान और चीन में इन्फोसिस के कारोबार की देखरेख भी करते थे।
