चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में भारतीय उद्योग जगत की कमाई में अप्रत्याशित वृद्धि का दौर खत्म हो सकता है। असल में महामारी के बाद कंपनियों के मुनाफे में जोरदार इजाफा देखा जा रहा था। अधिकतर ब्रोकरेज का अनुमान है कि कंपनियों का मुनाफा घटेगा और आय में मामूली इजाफा हो सकता है। मांग में कमी और जिंसों के दाम बढ़ने से एफएमसीजी, सीमेंट और आईटी क्षेत्र के मार्जिन पर भी दबाव हो सकता है। विभिन्न ब्रोकरेज के अनुमान के मुताबिक दूसरी तिमाही में निफ्टी 50 में शामिल भारत की शीर्ष 50 कंपनियों का एकीकृत शुद्ध मुनाफा 1.38 लाख करोड़ रुपये रह सकता है जो पहली तिमाही के 1.46 लाख करोड़ रुपये से 5.5 फीसदी कम है। अगर यह अनुमान सही साबित होता है कि आठ तिमाही के बाद पहली बार किसी तिमाही में कंपनियों की कमाई में सालाना आधार पर गिरावट आएगी। निफ्टी कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अप्रैलजून 2021 तिमाही के बाद सबसे कम रहेगी। निफ्टी कंपनियों के समेकित मुनाफे में कमी के परिणामस्वरूप निफ्टी की प्रति शेयर आय (ईपीएस) में भी कमी आएगी। गैर-वित्तीय कंपनियों का प्रदर्शन ज्यादा खराब रह सकता है। ब्रोकरेज फर्मों के अनुमान के अनुसार निफ्टी 50 की 39 कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा सालाना आधार पर 16. फीसदी घटकर 92,000 करोड़ रुपये रह सकता है जो एक साल पहले की समान अवधि में 1.1 लाख करोड़ रुपये था। इन कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा पिछली पांच तिमाहियों में सबसे कम रह सकता है। हालांकि कीमतों में वृद्धि और बिक्री बढ़ने से कंपनियों की आय में इजाफा होने की उम्मीद है लेकिन आय में वृद्धि नरम ही रहने का अनुमान है। निफ्टी 50 कंपनियों की समेकित आय दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 19.1 फीसदी बढ़ सकती है जो पहली तिमाही से 31.1 फीसदी कम रहेगी। बीएफएसआई को छोड़कर सूचकांक कंपनियों की कुल शुद्ध आय चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर 20 फीसदी बढ़ेगी जो पहली तिमाही में 37 फीसदी बढ़ी थी। बैंकों और गैर-बैंक आय के मामले में एक बार फिर सबसे आगे रहेंगे। निफ्टी 50 में शामिल 11 बीएफएसआई कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा 30.4 फीसदी बढ़कर 45,900 करोड़ रुपये रह सकता है और समेकित शुद्ध ब्याज आय 12.4 फीसदी बढ़कर 1.45 लाख करोड़ रुपये रह सकती है। मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के गौतम दुग्गड ने कहा, ‘हमारे कवरेज वाली फर्मों के मुनाफे में 17 फीसदी की कमी आ सकती है जबकि निफ्टी फर्मों के मामले में यह सपाट रहेगा। ’
