पर्यावरण में फैल रहे कचरे में कमी लाने और उपभोक्ताओं को विभिन्न उपकरणों के लिए अलग-अलग चार्जर खरीदने से बचाने के लिए, यूरोपीय संसद ने मंगलवार को इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं पर चार्जिंग पोर्ट का उपयोग करने के लिए कानून के पक्ष में मतदान किया। यूरोपीय संसद (ईयू) ने यूएसबी टाइप-सी को मानक पोर्ट के रूप में चुना। यूएसबी टाइप सी को यूएसबी-सी के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, यह अभी तक कानूनी तौर पर लागू नहीं हो पाया है। लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल के अंत तक इसके लिए कानून लागू कर दिया जाएगा। अगर यह कानून लागू हो जाता है तो ईयू में बेचे जाने वाले सभी मोबाइल फोन, टैबलेट और कैमरों में 2024 के अंत तक यूएसबी-सी पोर्ट होना जरूरी हो जाएगा। लैपटॉप में भी इसकी सुविधा देने की बात चल रही है, लेकिन विनिर्माताओं के लिए इसकी अंतिम तारीख 2026 के शुरुआती तक तय की जाएगी। यूरोपीय संसद ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि अगर कोई कंपनी किसी डिवाइस का निर्माण कर रही हो और उसे तार वाले केबल के माध्यम से चार्ज किया जा सकता हो तो ऐसे में सभी नए मोबाइल फोन, टैबलेट, डिजिटल कैमरे, हेडफोन और हेडसेट, वीडियो गेम कंसोल और पोर्टेबल स्पीकर, ई-रीडर, कीबोर्ड, माउस, पोर्टेबल नेविगेशन सिस्टम, इयरबड और लैपटॉप को 100 वॉट तक की बिजली संचरण क्षमता के साथ एक यूएसबी टाइप-सी पोर्ट से चार्ज करने की सुविधा देनी होगी। भारत सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए एक चार्जर के उपयोग पर भी विचार कर रहा है। हालांकि इस मामले में अभी तक कोई खास चर्चा नहीं हुई है। यूएसबी-सी नई नहीं है, यह 2014 से चर्चा में है। लोग धीरे-धीरे इसे अपना भी रहे हैं। पहले के यूएसबी के विपरीत, यूएसबी-सी में एक छोटा अंडाकार पोर्ट है जिसमें कोई उल्टा-सीधा करने की बाध्यता नहीं है। इसका समरूप कनेक्टर प्लग, इसे पोर्ट में लगाने को आसान बना देता है। इसके अलावा, यह उद्योगों द्वारा मानक कनेक्टरों में से एक है जो एक ही केबल पर डेटा और पावर दोनों को संचारित करने में सक्षम है। इसके अलावा, यह लैपटॉप जैसे बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए आवश्यक फास्ट चार्जिंग (100 वॉट) की आवश्यकता भी पूरी करते हैं। और, इससे 40 जीबीपीएस की रफ्तार के साथ सुपर-फास्ट डेटा स्थानांतरण भी किया जा सकता है। केवल डेटा और पावर ही नहीं बल्कि, यूएसबी-सी से एक साथ 8के रिजॉल्यूशन तक के वीडियो सिग्नल भी भेजे जा सकते हैं।
