वैश्विक इस्पात विनिर्माता आर्सेलर मित्तल और निप्पॉन स्टील के संयुक्त उद्यम - आर्सेलर मित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) को गुजरात के हजीरा में अपने प्रमुख संयंत्र की मौजूदा क्षमता 90 लाख टन इस्पात प्रति वर्ष से बढ़ाकर 1.5 करोड़ टन प्रति वर्ष करने के लिए पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने कहा कि इस्पात विनिर्माण की यह विस्तारित क्षमता सरकार की राष्ट्रीय इस्पात नीति के मद्देनजर खासी बढ़ोतरी को दर्शाती है, जिसमें विकसित हो रही अर्थव्यवस्था में वर्ष 2030 तक घरेलू क्षमता को दोगुना कर 30 करोड़ टन सालाना करने की परिकल्पना की गई है। साथ ही साथ यह एएम/एनएस इंडिया की अपनी क्षमता विस्तार वाली दीर्घावधि योजनाओं को भी बताती है। एएम/एनएस इंडिया के चेयरमैन आदित्य मित्तल ने एक बयान में कहा ‘वर्ष 2019 में बाजार में प्रवेश करने के बाद से हमने अपने हजीरा संयंत्र के प्रदर्शन में खासा सुधार किया है तथा डीकार्बोनाइजेशन और भारतीय इस्पात उद्योग के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण निर्धारित किया है।’ उन्होंने कहा ‘हम भारत के साथ और भारत के लिए विकास करना चाहते हैं। हम अपने पर्यावरण संबंधी प्रदर्शन में निरंतर सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं तथा उच्च गुणवत्ता वाले, टिकाऊ इस्पात उत्पादन करने के लिए भारत को अपनी आर्थिक महत्त्वाकांक्षाओं को पूरा करने की आवश्यकता है। आज का दिन हमारी यात्रा में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।’ एएम/एनएस इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी दिलीप ऊम्मेन ने कहा कि यह विस्तार हमारे विकास के अगले चरण को बढ़ावा देगा, जिससे हम घरेलू बाजार की बढ़ती मांग पूरी करने में सक्षम होंगे। साथ ही इससे हम ऊंचे दर्जे का मूल्य वर्धित इस्पात उत्पादन करने भी में सक्षम होंगे। पर्यावरण संबंधी यह मंजूरी केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने मंजूर की है और इसके लिए मंत्रालय द्वारा निर्धारित पर्यावरण संबंधी विस्तृत प्रभाव मूल्यांकन का पालन किया गया था।
