म्युचुअल फंडों ने वित्त वर्ष 2022 के दौरान छोटे निवेशकों से सकल पूंजी प्रवाह में 150 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि कुल घरेलू बचत सालाना आधार पर 19 प्रतिशत घटी है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी आंकड़े से पता चलता है कि वित्त वर्ष 2022 में, घरेलू म्युचुअल फंडों ने परिवारों से 1.6 लाख करोड़ रुपये का सकल पूंजी प्रवाह आकर्षित किया। परिवारों ने पिछले वित्त वर्ष में 25 लाख करोड़ रुपये की बचत की, जिसे देखते हुए कुल सकल बचत में म्युचुअल फंडों का योगदान 6.3 प्रतिशत पर है, जो पिछले चार वित्त वर्षों में सर्वाधिक है। दरअसल, म्युचुअल फंडों में सकल प्रवाह पिछले 10 साल में सर्वाधिक था।विश्लेषकों का कहना है कि म्युचुअल फंड निवेश में वृद्धि से पता चलता है कि सामान्य अर्थव्यवस्था से जुड़े और अतिरिक्त आय वाले लोग मुद्रास्फीति से बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं हुए थे जितने कि कम आय वर्ग वाले लोग प्रभावित हुए। जेएम फाइनैंशियल में प्रमुख (स्ट्रैटजी रिसर्च) एवं मुख्य अर्थशास्त्री धनंजय सिन्हा ने कहा, 'बैंक जमाओं में गिरावट और भविष्य निधि तथा पेंशन फंडों में निवेश बढ़ने से संकेत मिलता है कि वेतनभोगी वर्ग और अतिरिक्त आय वाले लोग अपना निवेश बढ़ाने में सक्षम रहे हैं, जबकि कम आय वाला तबका (जो मुख्य तौर पर बैंक जमाओं में निवेश करता है) मुद्रास्फीति से ज्यादा प्रभावित हुआ था।' फंडों के प्रवाह में वृद्धि इक्विटी बाजारों में तेजी और अन्य परिसंपत्ति वर्गों के लिए कमजोर मुद्रास्फीति-समायोजित प्रतिफल की वजह से दर्ज की गई। म्युचुअल फंडों द्वारा पेश एसआईपी फंडों में घरेलू बचत को बढ़ाने का मुख्य स्रोत साबित हुई हैं। भारत में म्युचुअल फंडों के संगठन (एम्फी) के अनुसार, उद्योग ने वित्त वर्ष 2022 में 1 करोड़ से ज्यादा नए निवेशक जोड़े और एसआईपी के जरिये 1.2 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया। बैंक, पेंशन और बीमा की पैठ बढ़ीछोटे निवेशकों द्वारा बैंक जमाएं वित्त वर्ष 2022 में सालाना आधार पर 45 प्रतिशत घट गईं, लेकिन 6.9 लाख करोड़ रुपये की सकल घरेलू बचत में इनका योगदान 26 प्रतिशत बना रहा। आरबीआई के आंकड़े के अनुसार, भविष्य निधि और पेंशन फंड (पीपीएफ भी शामिल) 23 प्रतिशत के साथ दूसरे पायदान पर रहे, जिसके बाद जीवन बीमा फंडों (17 प्रतिशत) और छोटी बचत योजनाओं (13 प्रतिशत) का योगदान रहा।एमएफ का मजबूत प्रदर्शनम्युचुअल फंड वित्त वर्ष 2023 में भी ऊंची वृद्धि की राह पर बढ़ रहे हैं। इस उद्योग ने चालू वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में करीब 70 लाख निवेशक खाते जोड़े और इस तरह से कुल संख्या बढ़कर 13.65 करोड़ पर पहुंच गई है। एमएफ फोलियो की संख्या में भारी वृद्धि से पता चलता है कि बड़ी तादाद में नए निवेशक पूंजी बाजारों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं और निवेश के लिए म्युचुअल फंडों को अपनी पसंद बना रहे हैं। बीएनपी पारिबा म्युचुअल फंड के मुख्य कार्याधिकारी सुरेश सोनी का कहना है कि निवेशक जमाओं के बदले निवेश के नए विकल्पों को भी आजमा रहे हैं।
