दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से बिजली सब्सिडी के भुगतान का क्रियान्वयन कथित रूप से नहीं होने की जांच करने के मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं। दिल्ली विद्युत नियामक आयोग ने 2018 में सब्सिडी उपभोक्ताओं के खाते में भेजने के आदेश दिए थे। सात दिन में सौंपनी है रिपोर्ट उपराज्यपाल कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि शीर्ष अधिकारी से सात दिन में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है। सूत्रों ने बताया कि उपराज्यपाल सचिवालय को एक शिकायत मिली थी, जिसमें दिल्ली में केजरीवाल सरकार की बिजली सब्सिडी योजना में 'खामियों और विसंगतियों' को उठाया गया है। दिल्ली सरकार और डिस्कॉम ने नहीं दिया जवाब डीईआरसी ने 19 फरवरी 2018 को अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली सरकार बिजली सब्सिडी को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के माध्यम से उपभोक्ताओं को अंतरित करने पर विचार कर सकती है। सूत्रों ने दावा किया, 'शिकायतकर्ताओं में प्रख्यात वकील और विधिवेत्ता शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार की ओर से निदेशकों और एक निजी बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) की नियुक्ति के बाद एक बड़ा घोटाला हुआ।' आरोपों पर दिल्ली सरकार या डिस्कॉम की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
