एयर इंडिया ने सोमवार को कहा कि उसने निजीकरण के बाद पहले कुछ महीनों के दौरान यात्रियों को 150 करोड़ रुपये से अधिक का रिफंड निपटाया है। पिछले साल 8 अक्टूबर को एयर इंडिया के लिए बोली जीतने के बाद टाटा समूह ने 27 जनवरी को विमान कंपनी का कार्यभार संभाला था। तब से विमान कंपनी फंसे हुए रिफंड जैसे पुराने मसलों को हल करने के लिए कई कदम उठा रही है। एयर इंडिया ने कहा कि उसने जमा रिफंड निपटाने को उच्च प्राथमिकता दी है। कंपनी ने कहा कि निजीकरण के बाद पहले कुछ महीनों में ही कुल 150 करोड़ रुपये से अधिक के 2.5 लाख से अधिक मामलों को क्रियान्वित किया गया है। विमान कंपनी ने कहा कि इसके बाद से रिफंड के नए मामलों को अधिक रफ्तार से निपटाने के लिए क्रियान्वयन और प्रणालियों में सुधार तथा प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने के वास्ते खासी कोशिश की गई है। इसने कहा कि आज तक एयर इंडिया की वेबसाइट पर दर्ज रिफंड के किसी उपयुक्त अनुरोध को आम तौर पर दो से तीन दिनों के भीतर पूरा कर दिया जाएगा। बाद में बैंकों या क्रेडिट कार्ड कंपनियों द्वारा की जाने वाली प्रक्रिया में, जो विमान कंपनी के नियंत्रण से बाहर होती है, ग्राहकों को अपने खातों में रिफंड नजर आने में दो और सप्ताह लग सकते हैं।
