पीरामल समूह और ज्यूरिख इंश्योरेंस ने रिलायंस कैपिटल की सहायक कंपनी रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के लिए संयुक्त बोली लगाने का निर्णय किया है। पहले दोनों ने इसके लिए अलग-अलग बोली लगाई थी। पीरामल और ज्यूरिख की प्रस्तावित विशेष उद्देश्यीय इकाई में 50-50 फीसदी हिस्सेदारी होगी। यह कंपनी 75 करोड़ रुपये जमा के साथ रिलायंस कैपिटल की बीमा इकाई के लिए बाध्यकारी बोली लगाएगी। बैंकरों का कहना है कि अगर प्रस्तावित विशेष उद्देश्यीय इकाई रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी (आरजीआईसी) को खरीदने में सफल रहती है तो भारत के साधारण बीमा कारोबार में ज्यूरिख इंश्योरेंस का प्रवेश होगा। अगस्त में जमा कराई गई सांकेतिक बोलियों के मुताबिक पीरामल ने रिलायंस कैपिटल के साधारण बीमा कारोबार का मूल्यांकन 3,600 करोड़ रुपये किया था और ज्यूरिख इंश्योरेंस ने 3,700 करोड़ रुपये की सांकेतिक बोली लगाई थी। तीसरी बोलीदाता एडवेंट ने सबसे ज्यादा 7,000 करोड़ रुपये की समाधान योजना पेश की थी। प्रस्तावित संयुक्त उपक्रम के साथ ज्यूरिख और पीरामल एक-दूसरे से प्रतिस्पर्द्धा नहीं करेंगी और आरजीआईसी के लिए एडवेंट और ज्यूरिख-पीरामल कंसोर्टियम के बीच ही होड़ होगी। रिलायंस कैपिटल के प्रशासक और ऋणदाताओं की समिति ने आरजीआईसी का मूल्यांकन करने के लिए वैश्विक मूल्यांकन विशेषज्ञ विलिस टावर वाटसन को नियुक्त किया है। यह मूल्यांकन सभी बोलीदाताओं के पास उपलब्ध है और आरजीआईसी के 100 फीसदी एक्चुरियल मूल्यांकन 9,450 करोड़ रुपये किया गया जो बोलीदाताओं की सांकेतिक बोलियों से काफी अधिक है। सभी बोलीदाताओं द्वारा जांच-परख पूरी करने के लिए अतिरिक्त समय मांगे जाने के बाद रिलायंस कैपिटल के लिए बोली जमा कराने की अंतिम तारीख बढ़ाकर अक्टूबर अंत तक कर दी गई थी। ऋणदाताओं की समिति ने बोली जमा कराने की समयसीमा 4 हफ्ते बढ़ा दी है जबकि कुछ बोलीदाता जनवरी अंत तक इसे बढ़ाने की मांग कर रहे थे। रिलायंस कैपिटल को पूरी कंपनी तथा अलग-अलग कारोबार के लिए 12 गैर-बाध्यकारी बोलियां मिली थीं। छह कंपनियों ने पूरी कंपनी के लिए बोलियां जमा कराई थीं जबकि शेष ने सहायक इकाइयों के लिए बोलियां सौंपी थी। ज्यूरिख इंश्योरेंस ग्रुप ने कहा, 'रिलायंस जनरल इंश्योरेंस में हिस्सेदारी खरीदने के लिए गैर-बाध्यकारी बोली लगाने की ज्यूरिख ने पुष्टि की है। किसी भी सौदे की शर्तें बातचीत पर निर्भर करती हैं और सौदा पूरा होने को लेकर कोई आश्वासन नहीं दिया जा सकता है।' अहमदाबाद के टॉरंट समूह ने पूरी कंपनी के लिए बोली लगाई थी और अब रिलायंस निप्पॉन लाइफ इंश्योरेंस के लिए अलग से बोली लगाने की योजना बना रहा है। कंपनी प्रशासक ने रिलायंस निप्पॉन में 51 फीसदी हिस्सेदारी के लिए बोलियां मंगाई हैं। बैंकरों का कहना है कि कंपनी की ओर से नियुक्त मूल्यांकनकर्ता ने जीवन बीमा कारोबार के लिए 5,800 करोड़ रुपये का अंतर्निहित मूल्य तय किया है। सूत्रों ने कहा कि इस मूल्यांकन के आधार पर टॉरंट समूह आरएलएलआईसी में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने के लिए 2,900 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहा है। बैंकरों ने कहा कि मुनाफा कमाने वाली बीमा इकाइयों के लिए बोलीदाताओं की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है लेकिन रिलायंस कैपिटल के अन्य कारोबार को बोलीदाताओं ने ज्यादा भाव नहीं दिया है।
