वर्ष 2022-23 में खरीफ फसलों के उत्पादन में 2 फीसदी गिरावट आ सकती है। धान उत्पादन में सबसे ज्यादा 13.50 फीसदी गिरावट का अनुमान है, जबकि कपास, मक्का व सोयाबीन उत्पादन बढ़ने का अनुमान है। ओरिगो कमोडिटीज के मुताबिक वर्ष 2022-23 में कुल खरीफ उत्पादन 64.04 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो वर्ष 2021-22 से 2 फीसदी कम है। 2021-.22 में कुल खरीफ उत्पादन 65.35 करोड़ टन था। खरीफ सीजन में कुल खाद्यान्न उत्पादन 7.30 फीसदी घटकर 14.46 करोड़ टन, तिलहन उत्पादन 2.57 फीसदी घटकर 2.32 करोड़ टन रहने का अनुमान है। सबसे ज्यादा धान का उत्पादन 13.49 फीसदी गिरावट के साथ 9.67 करोड़ टन रह सकता है। इसके रकबे में 9 फीसदी कमी आई है। उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बिहार में बारिश कमजोर रहने की वजह से धान की फसल पर नकारात्मक असर पड़ा है। कृषि मंत्रालय के पहले अग्रिम अनुमान के मुताबिक भी धान का उत्पादन 6 फीसदी कम रह सकता है। तिलहन फसलों में अरंडी और मूंगफली का उत्पादन क्रमशः 6.94, 2.95 फीसदी घट सकता है, जबकि सोयाबीन की पैदावार 4.5 फीसदी बढ़कर 124.80 लाख टन हो सकती है। जूट उत्पादन में 4.32 फीसदी गिरावट आ सकती है। गन्ने की पैदावार में भी 0.79 फीसदी मामूली गिरावट का अनुमान है। खरीफ फसलों की पैदावार में सबसे ज्यादा 8.50 फीसदी बढ़ोतरी कपास में हो सकती है। इसका उत्पादन 3.42 करोड़ गांठ (170 किलोग्राम) होने का अनुमान है, जबकि 2021-22 में उत्पादन 3.15 करोड़ गांठ था। दलहन में मूंग की पैदावार 3.20 फीसदी बढ़ने का अनुमान है, जबकि अरहर व उड़द में क्रमशः 4.64 व 7.92 फीसदी गिरावट आ सकती है। ओरिगो कमोडिटीज के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट राजीव यादव ने कहा कि ओरिगो कमोडिटीज ने अपनी स्थापना के बाद पहली बार खरीफ उत्पादन अनुमान जारी किया है। मुख्यतः धान, मूंगफली, अरंडी, गन्ना और जूट के रकबे में कमी की वजह से कुल खरीफ उत्पादन में कमी होने का अनुमान है। साथ ही उत्पादकता घटने का भी नकारात्मक असर उत्पादन पर पड़ा है। ओरिगो कमोडिटीज नवंबर महीने में खरीफ फसल के उत्पादन के आखिरी अनुमान को जारी करेगा। ओरिगो ई-मंडी के सहायक महाप्रबंधक जिंस-शोध तरुण तत्संगी कहते हैं कि कपास की बोआई पिछले साल की तुलना में 1.8 फीसदी ही ज्यादा रहने का अनुमान है जबकि इस साल प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में अनुकूल मौसम की स्थिति को देखते हुए पिछले साल की तुलना में उत्पादकता में 6.6 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है। जिससे कपास उत्पादन 8.5 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। इसी तरह सोयाबीन की बोआई पिछले साल के लगभग बराबर ही है। लेकिन उत्पादकता बढ़ने से पैदावार 4.50 फीसदी ज्यादा हो सकती है।
