प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को एबीजी शिपयार्ड, उसकी समूह कंपनियों व अन्य संबंधित इकाइयों की 2,747 करोड़ रुपये से ज्यादा की परिसंपत्तियां जब्त कर ली, जिसमें कृषि जमीन, डॉकयार्ड व बैंक जमाएं शामिल हैं। यह जब्ती धनशोधन मामले के जांच से जुड़ी हुई है, जो देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला हो सकता है। शिपिंग फर्म के पूर्व चेयरमैन ऋषि अग्रवाल को सीबीआई की तरफ से हिरासत में लिए जाने के एक दिन बाद यह देखने को मिला है। ईडी व सीबीआई दोनों ही आईसीआईसीआई बैंक की अगुआई वाले 28 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ कथित तौर पर 22,842 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फर्म और उसके प्रवर्तकों की जांच कर रही हैं। केंद्रीय एजेंसी ने एक बयान में कहा कि जब्त की गई इन परिसंपत्तियों में गुजरात के सूरत और दहेज में स्थित शिपयार्ड, कृषि भूमि और भूखंड, गुजरात और महाराष्ट्र में विभिन्न वाणिज्यिक और आवासीय परिसर और एबीजी शिपयार्ड के स्वामित्व वाले बैंक खाते, इसके समूह की कंपनियां और अन्य संबंधित इकाइयां और इससे जुड़े सहयोगी बर्माको एनर्जी सिस्टम्स लिमिटेड, धनंजय दातार, सविता धनंजय दातार, कृष्ण गोपाल तोशनीवाल, वीरेन आहूजा भी शामिल हैं। ईडी की जांच से पता चला है कि एबीजी शिपयार्ड और अग्रवाल ने अपनी पूंजीगत आवश्यकताओं और अन्य कारोबारी खर्चों को पूरा करने के बहाने आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के कंसोर्टियम से विभिन्न क्रेडिट सुविधाओं/ऋणों का फायदा उठाया। ईडी ने कहा कि हालांकि शिपिंग फर्म ने इस कंसोर्टियम से प्राप्त क्रेडिट सुविधाओं का दुरुपयोग किया था तथा भारत और विदेशों में गठित विभिन्न संबंधित कंपनियों को विभिन्न ऋणों/अग्रिमों/निवेशों आदि की आड़ में इसके वास्तविक उद्देश्य की अपेक्षा अन्य मकसद के लिए पैसा लगा दिया था, जिससे आगे चलकर कंसोर्टियम को अच्छा-खासा आर्थिक नुकसान हुआ। जांचकर्ताओं द्वारा सीबीआई की शिकायत और फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत ईडी का मामला दर्ज कराया गया है। 7 फरवरी को सीबीआई ने अग्रवाल, तत्कालीन कार्यकारी निदेशक संतानम मुत्तुस्वामी तथा निदेशकों अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवतिया के खिलाफ मामला दर्ज किया था। उन पर आईसीआईसीआई बैंक के नेतृत्व में 28 बैंकों के एक कंसोर्टियम के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप है, जिसमें आईसीआईसीआई बैंक का सबसे अधिक 7,089 करोड़ रुपये शामिल है और इसके बाद आईडीबीआई बैंक (3,639 करोड़ रुपये), भारतीय स्टेट बैंक (2,925 करोड़ रुपये), बैंक ऑफ बड़ौदा (1,614 करोड़ रुपये) और पंजाब नैशनल बैंक (1,244 करोड़ रुपये) शामिल हैं।
