सरकार ने टेलीकॉम बिल रिफॉर्म का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। इसके तहत Future Ready Legal regulatory फ्रेमवर्क पर भी 20 अक्टूबर तक सुझाव मांगे गए हैं। इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनकेशंस (DoT) ने ट्राई की सलाह मांगी है।टेलीकॉम सेक्टर को वैश्विक रुप से सक्षम बनाने के लिए रिफॉर्म ड्राफ्ट जारी किया गया है। इसके तहत अब टेलीकॉम कंपनियों के फीस, पेनल्टी, और अन्य चार्जेस को लेकर बड़ा फैसला हो सकता है।नए टेलीकॉम बिल से कंपनियों के लिए मर्जर और अधिग्रहण की शर्तें आसान हो जाएंगी। इसके साथ ही स्पेक्ट्रम आवंटन के भी नए नियम जारी किए जाएंगे। हालांकि इस बिल के नियमों का असर पहले आवंटित हो चुके स्पेक्ट्रम पर नहीं होगा। यानि यह बिल रेट्रोस्पेक्टिव नहीं है।टेलीकॉम कंपनियों की घटेगी पेनाल्टी नए टेलीकॉम रिफॉर्म से टेलीकॉम कंपनियों पर लगने वाला जुर्माना कम हो जाएगा। अभी तक किसी भी गलती के लिए टेलीकॉम फर्मों पर मैक्सिम 50 करोड़ रुपए जुर्माना लगाया जाता है जिसे अब कम करने पर विचार किया जा रहा है।OTT यानि Over The Top की परिभाषा बदलने का प्रस्ताव किया गया है. मतलब Whatsapp, Signal, Telegram, Skype समेत Satellite Based Internet, Broadband सर्विसेस, In Flight और Maritime Connectivity सेवा प्रदाता सभी कंपनियां दायरे में आएंगी।एक बड़ा प्रस्ताव ये भी है कि अगर कोई टेलीकॉम कंपनी इन्सॉल्वेंसी में जाती है तो उसको मिला स्पेक्ट्रम सरकार के नियंत्रण में हो जाएगा।
