महाराष्ट्र से वेदांत-फॉक्सकॉन परियोजना खिसकने के बाद लगातार विपक्ष की आलोचना झेल रही शिंदे सरकार उद्योग जगत के प्रति बेहद सतर्कता बरत रही है। सरकार उद्योग जगत के जुटे कामों को तेजी से निपटाने के साथ हर सुविधा देने का आश्वासन दे रही है। फिल्म उद्योग को बुनियादी सुविधाओं के साथ जीएसटी में छूट व कलाकारों को खास सहूलियत देने की योजना पर काम शुरू किया गया तो दूसरी तरफ लंबित पड़े 181 औद्योगिक भूखंडों को मंजूरी भी दे दी। राज्य में बड़ी परियोजना लाने के लिए मुख्यमंत्री आज दिल्ली भी रवाना हो गए।राज्य सरकार अब कोई भी काम छोड़ना नहीं चाह रही है। इसके लिए उद्योग जगत को छूट और सहूलियतों की बरसात शुरू कर दी गई। लम्बे समय से अटकी परियोजनाओं को गति देने का काम तेज कर दिया गया। महाराष्ट्र सरकार ने धारावी के पुनर्विकास के लिए नया टेंडर जारी करने का फैसला लिया है। जिसमें डेवलपर के लिए कुछ अतिरिक्त रियायतें होंगी। इसके साथ ही काम में तेजी दिखाते हुए शिंदे सरकार ने समीक्षाधीन 191 भूखंडों में से 181 भूखंडों को मंजूरी दे दी गई है और शेष 10 की समीक्षा की जा रही है और जल्द ही कोई फैसला किया जाएगा। ये भूखंड महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) के हैं। इन्हें इस साल एक जून के बाद पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार ने स्वीकृत किया था।रंगमंच, फिल्म और धारावाहिक क्षेत्र के दिग्गजों के साथ बात करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि गोरेगांव के दादासाहेब फालके फिल्म सिटी में अच्छी सड़कें, बुनियादी सुविधाएं, यात्री परिवहन व्यवस्था, सुरक्षा और स्वच्छता सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। फिल्मों को जीएसटी से छूट, वरिष्ठ कलाकारों के लिए मानधन योजना, उनके लिए मुफ्त चिकित्सा सुविधा, वरिष्ठ कलाकारों, संगीतकारों, तकनीशियनों के लिए बीमा संरक्षण आदि कई नीतिगत मामलों को लेकर मंत्रालय में एक बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें संबंधित विभागों के समन्वय में चर्चा करके हल निकाला जाएगा।शिंदे ने कहा कि फिल्म उद्योग का पिछला गौरव फिर बहाल करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे। इस क्षेत्र की चमक सबको दिखती है लेकिन कलाकारों के दर्द और उनकी समस्याएं समझ में नहीं आती। यह समझने का ये प्रयास है। इस क्षेत्र में पर्दे के पीछे कलाकारों, तकनीशियनों से जुड़े कई विषय हैं। उन्हें किफायती आवास प्रदान करने से लेकर बीमा कवरेज तक हर चीज में सकारात्मक निर्णय लिए जाएंगे। सिनेमाघरों की स्थिति में सुधार, सिंगल स्क्रीन थिएटरों की समस्याओं और फिल्मों के लिए टैक्स रियायतें और अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करके उपाय योजना बनाई जाएगी।इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इम्पा) लम्बे समय से फिल्म और मनोरंजन उद्योग से जीएसटी को हटाने या उसे कम करने की मांग कर रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अनुसार मीडिया और मनोरंजन पारिस्थितिकी एक उभरता हुआ क्षेत्र है जिसके वर्ष 2025 तक सालाना चार लाख करोड़ रुपये का कारोबार करने और वर्ष 2030 तक 7.5 लाख करोड़ रुपये का उद्योग बनने का अनुमान है।
