भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (SEBI) सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) बनाने की दिशा में एक जरूरी कदम बढ़ाया है। बता दें कि 19 सितंबर को सेबी ने एक विस्तृत फ्रेमवर्क जारी किया है। इसमें गैर-लाभकारी संगठनों (NPO) के लिए न्यूनतम जरूरतों को तय किया गया है। नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन अब एसएसई (SSE) पर लिस्ट होंगी। बता दें कि जो ऑर्गेनाइजेशन सोशल स्टॉक एक्सचेंज पर खुद को लिस्ट कराना चाहेंगे उन्हें अपना रजिस्ट्रेशन नॉन प्रॉफिट ऑर्गेनाइजेशन के रूप में कराना होगा। जानिए क्या है सोशल स्टॉक एक्सचेंज अगर आसान भाषा में कहें, तो उन लोगों को बाजार से फंड जुटाने मे मदद करेगा, जो सोशल सेक्टर में काम करने वाले संगठन हैं। इसका मतलब है कि, अब सोशल इंटरप्राइजेज (NPO व ऐसे अन्ये संस्था न) भी खुद को प्राइवेट कंपनियों की तरह शेयर बाजार में लिस्टेड करा सकेंगे और पैसे जुटा सकेंगे। बता दें कि SSE का आइडिया सबसे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने 2019-20 अपने बजट भाषण में पेश किया था। इसका उद्देश्य यही था कि निजी और नॉन- प्रॉफिट सेक्टर्स को भी अधिक धन जुटाने का अवसर मिल सके। जानिए क्या है सोशल स्टॉक एक्सचेंज का फ्रेमवर्क • सोशल स्टॉक एक्सचेंज (SSE) से जुड़ने के लिए SEBI ने नियम जारी किए • राज्यों के कानून, सोसाइटीज एक्ट, ट्रस्ट एक्ट में रजिस्ट्रेशन करवाना होगा • भलाई के काम करने के लिए अब एक्सचेंज से पैसा जुटा सकेंगे • किसी भी तरह की जांच के दायरे में नहीं होना चाहिए • सेक्शन 8 कंपनीज एक्ट में रजिस्ट्रेशन वाले भी जुड़ सकेंगे • नियम के अनुसार इससे जुड़ने से पहले के साल में मिनिमम 50 लाख रुपये खर्च दिखाना जरूरी • 50 लाख रुपये का खर्च सामाजिक भलाई पर होना चाहिए • SSE से जुड़ने से 1 साल पहले 10 लाख रुपये फंडिंग होनी अनिवार्य • संस्था का सरकारी रजिस्ट्रेशन होना जरूरी शर्त है
