प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने जन्मदिन के अवसर पर नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी की शुरुआत की। इस पॉलिसी के तहत परिवहन क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने, डिलीवरी की रफ्तार बढ़ाने तथा कंपनियों को कारोबार के लिए धन बचाने में मदद मिलेगी। इससे कारोबार की लॉजिस्टिक लागत को 13-14 प्रतिशत से कम कर 10 प्रतिशत तक लाने पर काम किया जाएगा। क्या है नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी इस पॉलिसी का उद्देश्य माल की ढुलाई की लागत में कमी लाना है। जब कोई भी समान फैक्टरी में बनता है तो उसे ग्राहक तक पहुंचने तक एक प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। इस प्रक्रिया में आने वाले खर्च को लॉजिस्टिक लागत या माल ढुलाई खर्च कहा जाता है। इसी के लागत को कम करने के लिए सरकार द्वारा बनाई गई पॉलिसी को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी कहा गया है। नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी का सीधा मतलब माल ढुलाई की लागत में कमी लाने से है। लॉजिस्टिक्स वो प्रोसेस है, जिसके अंतर्गत माल और सेवाओं को उनके बनने वाली जगह से लेकर जहां पर उनका इस्तेमाल होना है, वहां भेजा जाता है। जब फैक्टरी में कोई सामान या माल बनता है तो उसे बनने के बाद ग्राहक तक पहुंचाने के लिए एक प्रोसेस से गुजरना पड़ता है। इस प्रक्रिया को लॉजिस्टिक्स (logistics) और इस पर आने वाले खर्च को लॉजिस्टिक लागत या माल ढुलाई खर्च कहा जाता है। इस तरह माल ढुलाई की लागत में कमी लाने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय नीति को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी कहते हैं। भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाप्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। भारत आज विनिर्माण के सबसे बड़े केंद्र के तौर पर उभर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार घरेलू विनिर्माण को लगातार बढ़ावा दे रही है। सरकार द्वारा जारी प्रोत्साहन योजना को पूरे विश्व ने स्वीकार किया है। पूरी दुनिया भारत के लोकतंत्र की महाशक्ति के तौर पर उभर रहा है। तीन साल से चल रहा था कामसरकार नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी पर काम कर रही थी। वाणिज्य मंत्रालय ने इसके लिए 2019 में काम शुरू किया था। कोरोना महामारी के कारण इसमें लगातार विलंब हुआ। इस साल के बजट भाषण में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक बार फिर इस पॉलिसी की घोषणा की।
