पतंजलि समूह अगले पांच साल में समूह की चार कंपनियों को एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध कराने की योजना बना रहा है क्योंकि उसका इरादा 5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का बाजार पूंजीकरण हासिल करने का है। सूत्रों के मुताबिक, समूह की योजना अगले पांच वर्षों में पतंजलि वेलनेस, पतंजलि लाइफस्टाइल और पतंजलि मेडिसिन को सूचीबद्ध कराने की है। समूह की एक कंपनी पतंजलि फूड्स एक्सचेंजों पर सूचीबद्ध है, जिसे पहले रुचि सोया इंडस्ट्रीज के नाम से जाना जाता था।पतंजलि आयुर्वेद के निदेशक मंडल ने फूड बिजनेस का हस्तांतरण रुचि सोया इंडस्ट्रीज को करने की मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को कंपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करेगी और साल 2027 तक के लिए विजन का खुलासा करने के अलावा अपनी कंपनियों के सार्वजनिक निर्गम की योजनाओं की जानकारी देगी। रुचि सोया का नाम बदलकर पतंजलि फूड्स करने से पहले उसने पतंजलि आयुर्वेद के पूरे कारोबार का अधिग्रहण 690 करोड़ रुपये में करने का ऐलान किया था ताकि अग्रणी एफएमसीजी कंपनी की ओर बढ़ने की अपनी रफ्तार तेज कर सके।पतंजलि फूड्स को इस अधिग्रहण से पडर्था, हरिद्वार और नेवासा (महाराष्ट्र) में विनिर्माण संयंत्र मिले। इसमें कर्मचारियों, परिसंपत्तियों, अनुबंधों, लाइसेंसों व परमिट, वितरण नेटवर्क और ग्राहकों से संबंधित फूड रिटेल बिजनेस अंडरटेकिंग ऑफ पतंजलि आयुर्वेद भी शामिल होगा। हालांकि इसमें पतंजलि ब्रांड, ट्रेडमार्क, डिजायन व कॉपीराइट शामिल नहीं होंगे। इस लेनदेन में मौजूदा परिसंपत्तियां शामिल होंगी, लेकिन देनदार, वाहन, नकद व बैंक बैलेंस शामिल नहीं होगा। कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंजों को भेजी सूचना में ये बातें कही है।अधिग्रहीत फूड बिजनेस के तहत घी, मधु, मसाले, जूस, आटा समेत 21 उत्पाद शामिल होंगे। कंपनी ने एफपीओ के जरिए 4,300 करोड़ रुपये जुटाए हैं। एफपीओ से मिली रकम का बड़ा हिस्सा कर्ज चुकाने में किया गया जबकि बाकी का इस्तेमाल कार्यशील पूंजी पर किया जाएगा। अनलिस्टेड जोन के निदेशक दिनेश गुप्ता ने कहा, इन कंपनियों के आंकड़ों के अभाव में उनका मूल्यांकन मुश्किल है। लेकिन रुचि सोया के एफपीओ की कामयाबी के बाद पतंजलि समूह के आईपीओ को अच्छी कामयाबी मिल सकती है।वित्त वर्ष 2022 में पतंजलि फूड्स का परिचालन राजस्व 24,205 करोड़ रुपये रहा, जो पहले 16,318.6 करोड़ रुपये रहा था। कंपनी का लाभ इस अवधि में 806.3 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 21 में 680.77 करोड़ रुपये रहा था। हाल में कंपनी ने राज्य के नौ जिले में 38,000 एकड़ पाम तेल प्लांटेशन की योजना का ऐलान किया है। कंपनी की दो नर्सरी पहले से ही पासीघाट व होलांगी में है और वह लोअर सिआंग जिले में खुर्रम, एफटीसी और दीपा में तीन और नर्सरी लगाने की प्रक्रिया में है। कंपनी के मुताबिक, इस कदम से राज्य की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा और रोजगार का सृजन होगा। साथ ही किसानों की आय भी बढ़ेगी।पतंजलि फूड्स देश में पाम ऑयल प्लांटेशन की सबसे बड़ी फर्मों में से एक है और तेलंगाना, कर्नाटक, गुजरात, ओडिशा, असम, मिजोरम और त्रिपुरा समेत 11 राज्यों के 55 जिलों में उसकी परिसंपत्तियां हैं। फर्म 43,000 किसान परिवारों के साथ काम कर रही है और 60,000 एकड़ में उसके पाम प्लांटेशन हैं। आंध्र प्रदेश में उसके 182 किसान सूचना सह एफएफबी खरीद केंद्र, 22 गोदाम और दो अत्याधुनिक पाम तेल प्रसंस्करण मिल हैं।
