अमेरिका में नैसडैक में भारी गिरावट देखकर में भारत में भी आईटी शेयरों में अच्छी-खासी गिरावट आई। एक दिन पहले अमेरिका में महंगाई के आंकड़े अनुमान से ज्यादा आने के कारण नैसडैक ने गोता लगा दिया था। निफ्टी आईटी सूचकांक के सभी 10 शेयर लाल निशान में बंद हुआ और सूचकांक 3.4 फीसदी गिरा। गोल्डमैन सैक्स के नजरिये से भी आईटी शेयरों में गिरावट आई जो कि इस साल पहले से ही दबाव में हैं। इस साल जनवरी से अब तक आईटी सूचकांक 27.3 फीसदी गिर चुका है जबकि निफ्टी 50 सूचकांक 4 फीसदी बढ़ा है। सूचकांक का खराब प्रदर्शन इन चिंताओं से भी हुआ है कि कंपनियां अनिश्चित वैश्विक वृद्धि अनुमानों के बीच अपने आईटी खर्च में कटौती कर सकती हैं। मंगलवार को नैसडैक 5.5 फीसदी गिरा था जो मार्च 2020 के बाद सबसे बड़ा एकदिवसीय गिरावट है। उस दौरान वैश्विक महामारी के प्रकोप के बाद बाजार ने गोता लगाया था। सूचकांक में शामिल सभी 100 शेयरों में भी पिछले 30 महीने में पहली बार गिरावट आई है। आईटीआई लॉन्गशॉर्ट इक्विटी फंड के एमडी एवं सीआईओ राजेश भाटिया ने कहा, 'आईटी शेयरों की चाल अमेरिकी धारणा पर निर्भर करती है। इसलिए कंपनियों के लिए परिदृश्य में अनिश्चितता एवं उतार-चढ़ाव दिख सकता है। बड़ी भारतीय आईटी कंपनियां 4 से 5 फीसदी के आकर्षक लाभांश प्रतिफल पर कारोबार कर रही हैं। लेकिन अगली कुछ तिमाहियों के दौरान उसकी चाल इस बात पर निर्भर करेगी कि अमेरिका में क्या होता है।' ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रभावशाली ब्रोकरेज ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और इन्फोसिस के लिए लक्षित मूल्य को घटाकर क्रमश: 2,611 रुपये और 1,244 रुपये कर दिया है। यह मौजूदा स्तर से भारी गिरावट को दर्शाता है। टीसीएस का शेयर 3.4 फीसदी गिरावट के साथ 3,121 रुपये पर और इन्फोसिस का शेयर 4.5 फीसदी की गिरावट के साथ 1,475 रुपये पर बंद हुआ। हाल के महीनों में अधिकतर ब्रोकरेज ने आई क्षेत्र के लिए सतर्क रहने की बात कही है। अगस्त में जेपी मॉर्गन ने आईटी क्षेत्र के सभी ओवरवेट शेयरों को डाउनग्रेड करते हुए 'न्यूट्रल' कर दिया और आईटी क्षेत्र के लिए अंडरवेट स्थिति को बरकरार रखा। जेफरीज ने एक नोट में कहा था, 'कैलेंडर वर्ष 2022 की पहली छमाही में निफ्टी में 19 फीसदी की भारी गिरावट के बावजूद एनएसई आईटी सूचकांक जुलाई में 4 फीसदी और अगस्त में 6 फीसदी गिरा। हमरा मानना है कि वित्त वर्ष 2023/24 के लिए ईपीएस अनुमान में आगे कटौती किए जाने से शेयरों में गिरावट आएगी। इसलिए आईटी शेयरों के लिए हमारा नजरिया सतर्क रहने का है।'
