इक्विटी म्युचुअल फंडों (एमएफ) ने अगस्त में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफआईआई) से मजबूत प्रवाह के बावजूद रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) जैसे ब्लूचिप शेयरों में अपनी शेयरधारिता घटाई। पिछले महीने म्युचुअल फंड 17 महीने में पहली बार शुद्ध बिकवाल रहे और उन्होंने 1,200 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। दूसरी तरफ, एफपीआई ने 51,204 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। एफपीआई अक्टूबर 2021 से जून 2022 तक शुद्ध बिकवाल बने रहे। उन्होंने इस अवधि के दौरान 3 लाख करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिकवाली की। कारोबारियों का कहना है कि घरेलू फंडों ने विदेशी प्रवाह की मजबूती निकासी के बीच मुनाफावसूली करने पर जोर दिया। उन्होंने आरआईएल के 2,030 करोड़ रुपये, भारती एयरटेल के 1,950 करोड़ रुपये और इन्फोसिस के 1,120 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे। एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (1,080 करोड़ रुपये) और टीसीएस (1,080 करोड़ रुपये) ऐसे अन्य दो शेयर रहे जिनमें फंडों ने 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की बिकवाली की। अक्सर म्युचुअल फंडों द्वारा खरीदारी ऐसे समय में की जाती है जब एफपीआई बिकवाली करते हैं। इस बीच, ऑटो एंसिलियरी फर्म सोना बीएलडब्ल्यू प्रेसीजन फोर्जिंग्स अगस्त में फंडों द्वारा खरीदा जाने वाला प्रमुख शेयर रहा और इसने करीब 1,900 करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया। म्युचुअल फंडों ने कंपनी निजी इक्विटी दिग्गज ब्लैकस्टोन द्वारा बिक्री के जरिये आंशिक हिस्सेदारी हासिल की। सरकार के स्वामित्व वाली एनटीपीसी का शेयर कोटक महिंद्रा बैंक (850 करोड़ रुपये) के बाद दूसरा सबसे ज्यादा खरीदारी वाला शेयर (948 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी) रहा। मिडकैप श्रेणी में सोना बीएलडब्ल्यू के अलावा, मैक्स हेल्थकेयर (760 करोड़ रुपये), एनएमडीसी (600 करोड़ रुपये), और ग्लैंड फार्मा (460 करोड़ रुपये) सर्वाधिक खरीदारी वाले शेयर रहे। इस बीच, स्मॉल-कैप में रोलेक्स रिंग्स (460 करोड़ रुपये), कर्ल न्यूमेटिक (240 करोड़ रुपये) और सिरमा एसजीएस टेक (180 करोड़ रुपये) में अच्छा निवेश प्रवाह दर्ज किया गया। किर्लोस्कर ऑयल (170 करोड़ रुपये), ग्रेन्यूल्स इंडिया (120 करोड़ रुपये), वीआईपी इंडस्ट्रीज (90 करोड़ रुपये) में बड़ी निकासी दर्ज की गई।
