आईटी सेवा फर्म इन्फोसिस ने कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि वह दोहरी नौकरी करने की मंजूरी नहीं देगी और इसका उल्लंघन करने पर बर्खास्तगी की जा सकती है। विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी द्वारा इस प्रवृत्ति को ‘धोखा देना’ कहे जाने के कुछ दिनों बाद कर्मचारियों को इन नियमों के संबंध में मेल किया गया है।बेंगलूरु की इन्फोसिस ने ‘दोहरी जिंदगी नहीं’ शीर्षक से कर्मचारियों को एक ईमेल भेजा और कहा ‘कर्मचारी पुस्तिका और आचार संहिता के अनुसार दोहरी नौकरी की अनुमति नहीं है।’ ईमेल में कहा गया है कि दोहरी नौकरी की मनाही करने वाले के नियम का उल्लेख ऑफर लेटर में किया गया है और कंपनी की सहमति जरूरी है। इसमें कहा गया है कि यह सहमति उस नियम और शर्तों के अधीन दी जा सकती है, जिसे कंपनी उचित समझे और कंपनी के निर्णय से किसी भी समय वापस ली जा सकती है। फूड-एग्रीगेटर प्लेटफॉर्म स्विगी द्वारा अगस्त की शुरुआत में कर्मचारियों को बाहर का अन्य काम करने की अनुमति दिए जाने के बाद दोहरी नौकरी ने सुर्खियां बटोरी थीं। प्रेमजी ने 20 अगस्त को एक ट्विटर पोस्ट में दोहरी नौकरी के विचार को खारिज कर दिया था।आईटी उद्योग में काम छोड़ने की दर अपने शीर्ष पर होने की वजह से कंपनियों को प्रतिभा तलाशने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।एक गैर-लाभकारी संगठन नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (एनआईटीईएस) ने इन्फोसिस के इस ईमेल का विरोध करते हुए कहा है कि आईटी कर्मचारी बिना किसी ओवरटाइम लाभ के प्रतिदिन नौ घंटे से भी अधिक समय तक काम कर रहे हैं। अगर कोई कर्मचारी दिन में 10 से 12 घंटे काम कर रहा हो, तो क्या कोई ऊर्जा या समय बचेगा। इसके अलावा कई आईटी कंपनियों ने कर्मचारियों की उत्पादकता मापने के लिए निगरानी प्रणाली भी विकसित की हुई है। एनआईटीईएस ने एक ईमेल में कहा कि कर्मचारियों का इन्फोसिस के साथ केवल नौ घंटे काम करने का अनुबंध है। काम के घंटों के अलावा कर्मचारी जो कुछ करते हैं, वह उनका विशेषाधिकार है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 में प्रत्येक नागरिक को आजीविका का अधिकार प्रदान किया गया है।
