थोक मूल्य सूचकांक (WPI) की गणना के लिए आधार वर्ष अब 2017-18 हो सकता है। अभी आधार वर्ष 2011-12 है। इसको बदलने के लिए अंतर- मंत्रालयी बातचीत चल रही है। एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी। थोक मुद्रास्फीति की गणना के लिए आधार वर्ष को संशोधित कर 2017-18 करने से देश में मूल्य स्थिति की अधिक वास्तविक तस्वीर पेश करने में मदद मिलेगी। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (DPIIT) ने पिछले साल जून में एक कार्यसमूह की तकनीकी रिपोर्ट का मसौदा जारी किया था। जिसमें थोक मूल्य सूचकांक के आधार वर्ष को संशोधित करने और औषधीय पौधों, पेन ड्राइव जैसी लगभग 480 नई वस्तुओं को जोड़ने का सुझाव दिया गया था। नई श्रृंखला में लिफ्ट, व्यायामशाला उपकरण और कुछ मोटरसाइकिल इंजन भी शामिल रहेंगे। इस रिपोर्ट के मसौदे को सार्वजनिक किया गया है। इसपर सार्वजनिक टिप्पणियां मिलने के बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाएगा। डीपीआईआईटी के सचिव अनुराग जैन ने बताया, ‘कार्यसमूह ने जून में अपनी रिपोर्ट सौंपी है। अब अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श जारी है।’ कृषि वस्तुओं के मामले में इसबगोल, एलोवेरा और मेन्थॉल जैसे औषधीय पौधों के साथ सौंफ और मेथी के बीज, मशरूम और तरबूज को आंकड़ों की उपलब्धता के आधार पर नई श्रृंखला में शामिल करने का प्रस्ताव है। वर्तमान में सूचकांक में कुल 697 उत्पाद शामिल हैं। इनमें 117 प्राथमिक उत्पाद, 16 ईंधन और बिजली और 564 विनिर्मित उत्पाद शामिल हैं। नई श्रृंखला में इन तीन श्रेणियों में कुल 1,176 वस्तुओं का प्रस्ताव किया गया है। इनमें 131 प्राथमिक उत्पाद, 19 ईंधन और बिजली उत्पाद और 1,026 विनिर्मित उत्पाद शामिल हैं। रिपोर्ट के मसौदे के अनुसार, डब्ल्यूपीआई की वर्तमान श्रृंखला में बिजली सूचकांक की गणना केवल पनबिजली और ताप बिजली स्टेशनों से मिले ‘मूल्य कोटेशन’ को शामिल किया जाता है। अब इसमें ताप, पनबिजली के अलावा सौर बिजली को भी शामिल किए जाने का प्रस्ताव है।
