केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र ने कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। जिससे कि देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में खान एवं खनिज क्षेत्र का योगदान 2030 तक बढ़ाकर 2.5 फीसदी किया जा सके। जोशी ने खनन मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होंने उद्घाटन सत्र के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘इस सम्मेलन का उद्देश्य है कि आने वाले वर्षों में, 2030 तक कोयला और पेट्रोलियम के अलावा देश की जीडीपी में खनिज क्षेत्र का योगदान 2.5 फीसदी हो। खनिज क्षेत्र का योगदान अभी 0.9 फीसदी है।’ कोयला मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2030 तक इस हिस्सेदारी को बढ़ाकर 2.5 फीसदी करने का लक्ष्य दिया है। उन्होंने कहा, ‘हम इसे 2030 से पहले ही हासिल कर लेना चाहते हैं। जहां तक कारोबारी सुगमता और निवेश सुगमता की बात है तो इसके लिए हमने कई कदम उठाए हैं।’ जोशी ने कहा कि कृषि क्षेत्र के बाद, खनिज क्षेत्र बड़े पैमाने पर रोजगार दे सकता है और राजस्व पैदा कर सकता है। उन्होंने कहा, ‘आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर खनिज की जरूरत है।’
