इस साल जून के निचले स्तर से बाजार में हुए तीव्र सुधार के बाद ज्यादा कंपनियां आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिए रकम जुटाने की इच्छा जता रही हैं। अगस्त में सात कंपनियों ने कुल मिलाकर 10,425 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बाजार नियामक सेबी के पास विवरणिका का मसौदा (डीआरएचपी) जमा कराया। ये कंपनियां जितनी रकम जुटाने पर विचार कर रही हैं वह मार्च के बाद का सर्वोच्च आंकड़ा है क्योंकि तब 13 कंपनियों ने कुल मिलाकर 19,494 करोड़ रुपये जुटाने के लिए विवरणिका का मसौदा नियामक के पास जमा कराया था। आईपीओ से संबंधित आंकड़े रखने वाली फर्म प्राइम डेटाबेस से यह जानकारी मिली।अगस्त में जमा कराए गए सात आवेदनों में से चार कंपनियां 1,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने पर विचार कर रही हैं। इनमें गो डिजिटल जनरल इंश्योरेंस (आईपीओ का अनुमानित आकार 5,000 करोड़ रुपये), कॉनकोर्ड बायोटेक (2,000 करोड़ रुपये) और एवलॉन टेक्नोलॉजिज (1,025 करोड़ रुपये) शामिल हैं।निवेश बैंकरों ने कहा कि बाजारों में तेज सुधार और मूल्यांकन में बढ़ोतरी ने अवधारणा बहाल करने में मदद की है। पिछले तीन महीने में आईपीओ के जरिए औसतन 4,800 करोड़ रुपये जुटाने के लिए करीब 6 आवेदन जमा कराए गए हैं।जून के निचले स्तर से बेंचमार्क सूचकांकों में 15 फीसदी का सुधार हुआ है और इसने कमजोर वैश्विक संकेतों की परवाह नहीं की है। मोटे तौर पर बाजार नियामक सेबी किसी डीआरएचपी को मंजूरी देने में दो से चार महीने तक का समय लेता है। इसके परिणामस्वरूप अभी आवेदन करने वाली कंपनियां इस साल के आखिर तक बाजार में आईपीओ उतारेगी। विशेषज्ञों ने कहा कि अगर द्वितीयक बाजार ठीक-ठाक रहा तो कैलेंडर वर्ष 2022 की आखिरी तिमाही और साल 2023 की शुरुआत में हम आईपीओ में काफी मजबूती की उम्मीद कर सकते हैं।आईआईएफएल सिक्योरिटीज के प्रमुख (निवेश बैंकिंग) निपुण गोयल ने कहा, कुछ अच्छी सूचीबद्धता हुई है। विदेशी निवेशकों की ओर निवेश सकारात्मक हो गया है। लोगों का मानना है कि अगर कीमत सही हो तो आईपीओ लाने का मौका है। अब हम पिछले कुछ महीने पहले के मुकाबले ज्यादा सकारात्मक हैं। अगले कुछ महीनों में हम पिछली तिमाही के मुकाबले आईपीओ बाजार में ज्यादा गतिविधियों से रूबरू होंगे।बाजार में उतारचढ़ाव के कारण इस तिमाही में अब तक सिर्फ तीन आईपीओ पेश हुए। हालांकि वैश्विक बाजारों के मुकाबले भारतीय बाजारों की सुदृढ़ता को देखते हुए और कंपनियां सामने आ सकती हैं।गोयल ने कहा, मूल्यांकन सही होना चाहिए। सात-आठ महीनों मे बाजार में जिस तरह का उतारचढ़ाव रहा उसके बाद लोग काफी सुरक्षा चाहते हैं। कंपनियां व बैंकर भी मान रहे हैं कि आपको वैसी कीमत रखनी होगी जो हर हितधारकों के लिए उचित हो, चाहे कंपनी हो या निवेशक। अगर आपकी कीमत सही है और कंपनी की स्थिति अच्छी है तो उसके शेयर खरीदने की स्वाभाविक इच्छा देखने को मिलेगी। निवेशक चुनिंदा रुख अपना रहे हैं, लेकिन नई कंपनियों में निवेश की स्पष्ट इच्छा भी दिख रही है।प्राइम डेटाबेस के मुताबिक, अभी 70 से ज्यादा कंपनियां संचयी तौर पर 1.1 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने पर विचार कर रही हैं और उनके पास सेबी की मंजूरी भी है। इसके अलावा 50 अन्य कंपनियां 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाने के लिए सेबी की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रही हैं।विशेषज्ञों ने कहा, देसी व विदेशी निवेश अनुकूल हो गया है, ऐसे में उनमें से कुछ सूचीबद्धता पर निशाना साध सकते हैं।प्राइम डेटाबेस के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया ने कहा, बाजार में पर्याप्त नकदी है और इसने कुछ कंपनियों को इसकी परख के लिए प्रोत्साहित किया है।उन्होंने कहा, कई महीनों की बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बाजार लौट आए हैं। खुदरा व देसी संस्थान भी निवेशित बने हुए हैं। प्राथमिक बाजार से ज्यादा रकम जुटाने की संभावना वाले परिदृश्य की माप के लिए हमें नए आवेदन पर वास्तव में नजर डालने की दरकार नहीं है। सेबी की मंजूरी कई कंपनियों के पास है। अगर ये कंपनियां बाजार में उतरती हैं तो जुटाई गई रकम काफी ज्यादा होगी।कैलेंडर वर्ष 2022 के पहले आठ महीनों में 18 कंपनियों ने आईपीओ के जरिये 41,713 करोड़ रुपये जुटाए हैं। इसकी तुलना में पिछले साल की समान अवधि में 36 कंपनियों ने 60,289 करोड़ रुपये जुटाए थे।
