एसोचैम और इंटरनेट ऐंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) जैसे प्रख्यात उद्योग संगठन दूरसंचार कंपनियों द्वारा यूनिवर्सल सर्विस ऑब्लिगेशनफंड (यूएसओएफ) के तौर पर वसूले जाने वाले शुल्क को समाप्त करने पर जोर दे रहे हैं। एसोचैम और आईएएमएआई इस संबंध में दूरसंचार विभाग को अपने विचारों से पहले ही अवगत करा चुके हैं। दूरसंचार विभाग को सभी हितधारकों से प्रतिक्रियाएं और विचार हासिल हुए हैं।अपने परामर्श पत्र में डीओटी ने कहा था कि वह यूएसओएफ में बदलाव लाने और इसकी जगह टेलीकॉम डेवलपमेंट फंड को अमल में लाए जाने पर विचार कर रहा है। यह बदलाव बेहद जरूरी है, क्योंकि दूरसंचार कंपनियां यूएसओएफ के लिए हर साल एजीआर की 5 प्रतिशत की बड़ी राशि (या करीब 7,100 करोड़ रुपये, ताजा आंकड़ों के आधार पर, हालांकि कुछ वर्षों में यह बढ़कर 10,000 करोड़ रुपये पर भी पहुंच गया) का भुगतान करती हैं। इस कोष में 58,569 करोड़ रुपये का अधिशेष है, जिसका इस्तेमाल नहीं किया गया है।एक मसौदा प्रस्ताव में, एसोचैम ने कहा कि यूएसओएफ को समाप्त किए जाने का समय आ गया है, क्योंकि निजी क्षेत्र ने ग्रामीण और गैर-कनेक्शन वाले इलाकों में दूरसंचार नेटवर्क पेश कर ग्रामीण कनेक्टिविटी के लक्ष्य को हासिल करने पर जोर दिया है। मौजूदा समय में ग्रामीण इलाकों में दूरसंचार घनत्व विभिन्न दूरसंचार नीतियों में निर्धारित लक्ष्यों को पार कर गया है। एसोचैम का कहना है कि जहां यूएसओ संग्रह बढ़ा है, वहीं वितरण कमजोर बना हुआ है जिससे कोष में पर्याप्त संचित अधिशेष को बढ़ावा मिल रहा है।
