अगर आप ऑनलाइन शॉपिंग का बिल अपने क्रेडिट कार्ड से करते हैं तो इस खबर को ध्यान से पढ़ लें। बीते साल एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें कहा गया था कि नोटबंदी के बाद से भारत में डिजीटल पेमेंट में तेजी से बढ़ावा मिला। हालांकि, कई सिक्योरिटी चेक के बावजूद भी ऑनलाइन फ्रॉड जैसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। अगर आप खुद को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाना चाहते हैं तो कुछ खास सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है। 1. लेन-देन की सीमा करें तय क्रेडिट कार्ड से ऑनलाइन पेमेंट करने वालों को अपने हिसाब से पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) पर लेन-देन की लिमीट तय कर लेनी चाहिए। यदि आप आमतौर पर 5,000 रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए कार्ड का उपयोग नहीं करते हैं, तो आप अपने कार्ड की ट्रांजैक्शन लिमिट तय कर सकते हैं। ऐसा करने से आपके कार्ड की लिमिट तय हो जाएगी और इस लिमिट से ज्यादा का लेन-देन नहीं हो पाएगा। 2. हानिकारक हो सकते है कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन ऑनलाइन पेमेंट को और आसान बनाने के लिए अधिकतर क्रेडिट कार्ड कॉन्टैक्टलेस लेन-देन की सुविधा अपने कस्टमर्स को दे रहे हैं। पर बता दें ये सुविधा आपके लिए हानिकारक साबित हो सकती है। क्योंकि कॉन्टैक्टलेस ट्रांजेक्शन वाले इन क्रेडिट कार्ड से आप बिना पिन डाले भुगतान कर सकते हैं। यदि आपका गलती से कार्ड खो जाए और गलत हाथों में पड़ जाए, तो यह आपके लिए नुकसान साबित भी हो सकता है। इसलिए आपको अपने कार्ड को बहुक संभाल कर रखने की जरूरत है जिससे आपको कोई भारी नुकसान न हो। 3. नकदी करने से बचे बैंक क्रेडिट कार्ड लेने पर निर्धारित मात्रा तक नकदी निकालने की सुविधा देते हैं। आपको ऐसा करने से बचना चाहिए और नकदी के लिए क्रेडिट कार्ड की जगह डेबिट कार्ड का ही उपयोग करना बेहतर रहेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि आप क्रेडिट कार्ड से जिस दिन नकदी निकालते हैं, उसी दिन से उस पर ब्याज लगना भी शुरू हो जाता है।
