एचएसबीसी की एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि टेक्नोलॉजी-आधारित कंपनियां भारत में प्राथमिक बाजारों के सुधार को बढ़ावा दे सकती हैं। इस रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि कैलेंडर वर्ष 2022 के आखिरी चार महीनों में सार्वजनिक आरंभिक पेशकशों (आईपीओ) में तेजी आ सकती है। एचएसबीसी में एशिया प्रशांत क्षेत्र के लिए इक्विटी रणनीति प्रमुख हेराल्ड वैन डर लिंडे के साथ तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है, ‘आईपीओ गतिविधि चीन और कोरिया को छोड़कर लगभग सभी एक्सचेंजों में धीमी पड़ गई है। ऐतिहासिक दृष्टिकोण से (जिसमें वर्ष की दूसरी छमाही का सभी आईपीओ में 60 प्रतिशत योगदान रहता है), हम 2022 के बाद के हिस्से में आईपीओ गतिविधि में तेजी दर्ज कर सकते हैं। 2022 की पहली छमाही में 70 अरब डॉलर के निर्गमों के बाद, हमने इस साल शेष अवधि के दौरान 110 अरब डॉलर और पूंजी जुटने का अनुमान जताया है। संभावना है कि भारत और आसियान में, नए टेक प्लेटफॉर्म शेयर बाजार में आ सकते हैं।’एचएसबीसी ने अनुमान जताया है कि आईपीओ बाजार पिछले कुछ वर्षों में एशिया में तेजी से बढ़ा है, क्योंकि 300 से ज्यादा एशियाई कंपनियों ने वर्ष 2020 से प्राथमिक पेशकशों से 300 अरब डॉलर से अधिक की पूंजी जुटाई है, जो 2014 और 2019 के बीच जुटाई गई कुल पूंजी के बराबर राशि है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस पूंजी का तीन-चौथाई से ज्यादा हिस्सा इंटरनेट, टेक और कम्युनिकेशन सेवाओं जैसे नए टेक क्षेत्रों की चीनी कंपनियों से जुटाया गया।’प्राइम डेटाबेस के आंकड़े से पता चलता है कि कैलेंडर वर्ष 2022 में अब तक भारतीय कंपनियों ने आईपीओ के जरिये प्राथमिक बाजारों से 40,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं। एचएसबीसी के अनुसार, भारत और आसियान में वर्ष 2020 से शीर्ष-10 आईपीओ में मुख्य तौर पर नए इंटरनेट प्लेटफॉर्म शामिल रहे। इक्विनोमिक्स रिसर्च के संस्थापक एवं मुख्य निवेश अधिकारी जी चोकालिंगम के अनुसार, सेकंडरी बाजार में 2022 में शुरू हुई स्थिरता के बाद अब कुछ मजबूती के संकेत दिख रहे हैं। उनका मानना है कि प्राथमिक बाजारों के कायाकल्प की राह लंबी होगी और छोटे निवेशकों का भरोसा फिर से लौटाने में समय लगेगा।उन्होंने कहा, ‘उन अच्छे निर्गमों के लिए छोटे निवेशकों में अभी भी काफी दिलचस्पी बनी हुई है जो सही कीमत पर पेश किए गए हों। कंपनियां भी इस बात को अच्छी तरह से समझती हैं और अब वे कोष के लिए प्राथमिक बाजार का इस्तेमाल करने पर जोर दे रही हैं। पिछले कुछ ही दिनों में, हमने ड्रीमफॉक्स सर्विसेज और तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक (टीएमबी) जैसे कुछ निर्गमों के लिए अच्छी प्रतिक्रिया देखी। मेरा मानना है कि वित्तीय और वाहन क्षेत्र की कंपनियों के निर्गमों की लोकप्रियता बढ़ेगी, क्योंकि अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है। नए जमाने की इंटरनेट कंपनियों के आईपीओ भी अच्छा प्रदर्शन करेंगे, क्योंकि इनमें मूल्य निर्धारण आकर्षक है।’ जियोजित फाइनैंशियल के प्रमुख (निवेश रणनीतिकार) गौरांग शाह ने कहा, यदि आईपीओ से पूंजी जुटाने जा रही कंपनी अच्छी है और मूल्यांकन उचित है तो भारतीय बाजार में तरलता के पर्याप्त अवसर मौजूद हैं। तरलता को लेकर स्थिति 2022 की पहली छमाही में भी समान बनी रही, लेकिन इससे बाजारों पर ज्यादा असर नहीं दिखा।
