वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि भारत 2030 तक अपने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को दो लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचाना चाहता है और जब देश अपनी आजादी की सौवीं वर्षगांठ मनाएगा, उस वक्त तक 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था हो जाएगी। सैन फ्रांसिस्को के स्टैनफर्ड ग्रेजुएट स्कूल ऑफ बिजनेस के छात्रों और शिक्षकों से बातचीत में वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, ‘जब भारत अपनी 100वीं वर्षगांठ मनाएगा तब तक उसकी अर्थव्यवस्था 30,000 अरब डॉलर की हो जाएगी। 2047-2050 तक, जब भारत अपनी स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे कर रहा होगा तब सामान्य परिदृश्य में भारत कम से कम 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था होगा और सरकार की योजनाएं काम कर गईं तो अर्थव्यवस्था कम से कम 35 से 45 लाख करोड़ डॉलर की होगी। अपनी 3.3 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के साथ भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। इस सूची में उससे पहले अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी हैं। गोयल ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में भारत का माल एवं सेवा का निर्यात 675 अरब डॉलर को पार कर गया और अब इस साल हमारा लक्ष्य है कि हम 750 अरब डॉलर को प्राप्त करें। अब देश 2030 तक अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाकर 2000 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहता है। भारतीय समुदाय के साथ बातचीत में गोयल ने उन मुक्त व्यापार अनुबंधों के बारे में भी बात की जिनपर भारत ने अभी हस्ताक्षर किए हैं और इसे मूर्त रूप देने की प्रक्रिया में हैं। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि इजरायल के साथ भारत का प्रस्तावित व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद होना चाहिए और जबतक हमें अच्छा सौदा नहीं मिल जाता तब तक हम अनुबंध नहीं करेंगे। भारत और इजरायल मुक्त व्यापार समझौता पर मई 2020 से ही बातचीत कर रहे हैं। दोनों देशों के बीच माल का द्विपक्षीय व्यापार 2021-22 में 8 अरब डॉलर था। 2020-21 में 4.7 अरब डॉलर था। गोयल ने कहा, ‘ब्रिटेन, कनाडा और यूरोपीयन संघ के साथ हमारी सक्रिय बातचीत जारी है। इस साल की शुरुआत में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।’
