ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ एक बार फिर राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से सबसे अधिक शिकायतें मिली हैं, इनमें से करीब 48 फीसदी शिकायतें इस साल जनवरी से अगस्त के बीच मिली हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि ई-कॉमर्स के बाद हेल्पलाइन को सबसे अधिक 14 फीसदी कॉल विभिन्न मामलों से संबंधित जानकारी लेने से जुड़ी हुई आईं। ई-कॉमर्स उपभोक्ताओं की सबसे अधिक शिकायतें खराब सेवाओं के बाद भुगतान की गई राशि कंपनियों के द्वारा वापस नहीं करने से संबंधित रहीं। 2022 के शुरुआती 8 महीनों में सबसे अधिक शिकायतें उत्तर प्रदेश से मिलीं, उसके बाद महाराष्ट्र और दिल्ली से थीं। इसी बीच, केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि वह अगले कुछ महीनों में न्यायालय में लंबित करीब 6 लाख उपभोक्ता मामलों की शिकायतों के निपटारे के लिए लोक अदालत लगाएगी। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि कुल लंबित मामलों में करीब 4.5 लाख मामले जिला आयोग में लंबित हैं, 1.4 लाख मामले राज्य आयोग और 22,000 से अधिक मामले राष्ट्रीय आयोग में लंबित हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘हमारा ध्यान लंबित मामलों के निपटारे पर केंद्रित है।’सिंह ने कहा कि मंत्रालय ने इस मामलों को क्षेत्रवार बांटा तब पता चला कि 1.7 लाख मामले बीमा से जुड़े हैं, 72,000 बैंकिंग और 60,000 से अधिक मामले गृह उद्योग से जुड़े हुए हैं। सचिव ने बताया कि मंत्रालय इन लंबित मामलों को लेने के लिए समर्पित लोक अदालत लगाएगी साथ ही लंबित उपभोक्ता मामलों के निपटारे के लिए राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (नालसा) के साथ भी विमर्श कर रहा है। नालसा का गठन कानूनी सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत समाज के कमजोर वर्गों को मुफ्त कानूनी सेवाएं प्रदान करने और विवादों के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों का आयोजन करने के लिए किया गया है।
