फोर्ड इंडिया अपने चेन्नई संयंत्र के कर्मचारियों को अंतिम संशोधित सेवरन्स पैकेज की पेशकश की है। इसके तहत कर्मचारियों प्रत्येक सेवा वर्ष के लिए औसतन 130 दिनों के सकल वेतन के बराबर पैकेज की पेशकश की गई है। कंपनी ने कहा कि किसी उपयुक्त वैकल्पिक खरीदार के अभाव में इसे लागू किया गया है। पिछले पैकेज के तहत कर्मचारियों को प्रत्येक सेवा वर्ष के लिए 115 दिनों के सकल वेतन की पेशकश की गई थी जिसे बाद में संशोधित करते हुए 124 दिनों के कुल वेतन के बराबर कर दिया गया था। मौजूदा पैकेज के आधार पर कुल औसत सेवरन्स पैकेज को 41 लाख रुपये प्रति कर्मचारी रखा गया है। कंपनी ने सेवरन्स पैकेज के तहत न्यूनतम भुगतान 33 लाख रुपये और अधिकतम भुगतान 85 लाख रुपये निर्धारित किया है। फोर्ड इंडिया ने कहा कि अंतिम सेवरन्स निपटान पेशकश 5 सितंबर से 23 सितंबर तक वैध रहेगी। उसने कहा कि जो कर्मचारी मौजूदा पेशकश को स्वीकार करेंगे उन्हें 30 सितंबर तक वेतन का भुगतान कर दिया जाएगा। कंपनी ने कहा, ‘कंपनी अपने कर्मचारियों को अंतिम सेवरन्स पैकेज को स्वीकार करने और उस पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रोत्साहित करती है।’ कंपनी के मराईमाला नगर संयंत्र में कर्मचारियों के सेवरान्स पैकेज के संबंध में अनिश्चितता उस दौरान पैदा हो गई थी जब फोर्ड इंडिया ने भारत में अपनी इकाइयों को चरणबद्ध तरीके से बंद करने की घोषणा की थी। कंपनी के एक अधिकारी ने संकेत दिया कि पिछले सितंबर में कारोबार के पुनर्गठन की घोषणा की गई थी और तभी से फोर्ड कर्मचारी यूनियन के साथ एक उचित एवं उपयुक्त सेवरान्स पैकेज पर बातचीत करने की कोशिश करती रही है। इस मुद्दे पर अब तक 68 बैठकें हो चुकी हैं जिनमें श्रम विभाग के अधिकारियों एवं वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ बैठकें भी शामिल हैं। कंपनी का कहना है कि यूनियन की अनुचित मांग के कारण सेवरान्स पैकेज पर सहमति नहीं बन पाई है। यूनियन प्रत्येक सेवा वर्ष के लिए औसतन 215 दिनों के बराबर वेतन की मांग कर रहा है। कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘यूनियन यह नहीं समझ पा रहा है कि भारी घाटे के कारण अपना उत्पादन बंद करने का निर्णय लेने वाली कोई भी कंपनी इस प्रकार की मांग को पूरा नहीं कर सकती है।’ फोर्ड के चेन्नई संयंत्र में कुल करीब 2,000 कर्मचारी हैं। इस संयंत्र के बंद होने से कुल करीब 40,000 रोजगार प्रभावित होंगे क्योंकि इसकी कई सहायक इकाइयों में असंगठित कामगार कार्यरत हैं।
