इस साल ज्यादा पैदावार से हल्दी की कीमतों में काफी गिरावट आ चुकी है। अब इसकी कीमतों में सुधार की संभावना है, क्योंकि त्योहारों के कारण आगे इसकी मांग बढ़ सकती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2021-22 में देश में 13.31 लाख टन हल्दी का उत्पादन होने का अनुमान है, जो वर्ष 2020-21 के हल्दी उत्पादन 11.24 लाख टन से करीब 18 फीसदी ज्यादा है। वर्ष 2022-23 के दौरान भी हल्दी की बोआई अच्छी हो रही है। इन दिनों निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 6,600-7,600 रुपये और इरोड मंडी में भाव 6,600-7,400 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। जनवरी में भाव 10,000-11,000 रुपये प्रति क्विंटल तक थे। एनसीडीईएक्स में हल्दी का सितंबर वायदा भाव आज 94 रुपये बढ़कर 7,146 रुपये और अक्टूबर वायदा भाव 74 रुपये बढ़कर 7,270 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ। वायदा भाव में करीब एक फीसदी तेजी दर्ज की गई।इस बीच हल्दी पर उत्पाद सलाहकार समिति ने हल्दी वायदा कारोबार पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी है।निजामाबाद के हल्दी कारोबारी पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि उत्पादन ज्यादा होने से इस साल हल्दी के दाम काफी गिर चुके हैं। बाजार में बिकवाली हो रही है। लेकिन आने वाले दिनों में त्योहारों के कारण हल्दी की मांग बढ़ने की उम्मीद है। जिससे आगे इसकी कीमतों में 500 रुपये प्रति क्विंटल की बढोतरी हो सकती है।इरोड के हल्दी कारोबारी सुभाष चंद्र गुप्ता कहते हैं कि हल्दी के भाव काफी टूट चुके हैं। ऐसे में अब कीमतों में ज्यादा मंदी नजर नहीं आ रही है। कीमतों में सुधार हो सकता है। लेकिन बोआई अच्छी होने से ज्यादा तेजी भी आने की संभावना नहीं है। इंडिया इन्फोलाइन के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अनुज गुप्ता ने कहा कि त्योहारों के बीच निचले भाव पर हल्दी की मांग बढ़ने की उम्मीद है। जिससे इसकी कीमतों में तेजी आ सकती है। बीते कुछ दिनों से हल्दी के वायदा भाव 6,800-7,100 रुपये के बीच कारोबार कर रहे हैं। आगे हल्दी के वायदा भाव 7,500-8,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच रह सकते हैं।
