भारत की अर्थव्यवस्था में बीते समय में कुछ सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं। अर्थशास्त्रियों का ऐसा मानना है कि इस साल अप्रैल-जून तक भारत की अर्थव्यवस्था ने अपना सबसे तेज वार्षिक विस्तार हासिल किया है। लेकिन अब ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि उच्च ब्याज दरों के कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं जिसका असर आने वाले समय में देखने को मिल सकता है। न्यू़ज एजेंसी रॉयटर्स के इस सप्ताह के पोल के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 30 जून तक पिछले साल की तुलना में 15.2% अधिक था। वहीं जनवरी-मार्च जीडीपी भी एक साल पहले 4.1% ऊपर थी। पिछली बार भारत की जीडीपी ने अप्रैल-जून 2021 में उच्च वार्षिक वृद्धि हासिल की थी, जब यह एक साल पहले के कोरोना महामारी के स्तर से 20.1% अधिक थी। बता दें कि घरेलू विकास संभावनाओं पर वैश्विक मंदी के प्रभाव की चेतावनी के दौरान,भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मई के बाद से अपनी बेंचमार्क रिपो रेट में 140 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है, जिसमें इस महीने 50 आधार अंक शामिल हैं। अर्थशास्त्रियों का ऐसा भी मानना है कि अगले महीने लगभग 50 आधार अंकों की एक और वृद्धि हो सकती है। इसके बाद 25 आधार अंकों की एक और वृद्धि की उम्मीद करते हैं।
